केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने राजद-जदयू गठबंधन को ‘‘अवसरवादी गठबंधन’’ करार देते हुए कहा कि लोग दोनों पार्टियों के एकसाथ आने को पसंद नहीं करेंगे। नायडू ने साथ ही दावा किया कि भाजपा नीत राजग बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में बहुमत प्राप्त करेगा।
नायडू ने कहा, ‘‘….हमारी पार्टी इकाइयां कह रही हैं… (जब) मैं एक महीने पहले बिहार गया था.. कि हम (रामविलास) पासवान जी के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल करेंगे।’’
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘यह (लालू-नीतीश गठबंधन) पूरी तरह से अवसरवादी गठबंधन है। मुझे नहीं लगता कि लोग इसे पसंद करेंगे।’’
केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री नायडू ने कहा कि हो सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने पूर्व के राजनीतिक झगड़े को भूल गए हों लेकिन बिहार के लोग नहीं भूले हैं।’’
नायडू ने कहा कि कुमार भाजपा के साथ मिलकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद के शासन को ‘जंगलराज’ बताकर उनके खिलाफ एक चुनावी लड़ाई लड़कर सत्ता में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए एक दूसरा सकारात्मक कारण यह है कि समाज का गरीब वर्ग भी ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाये गए सामाजिक सुरक्षा कदमों से प्रभावित है।’’
एक सवाल के जवाब में नायडू ने कहा कि बिहार जाति की राजनीति से उच्च्पर उठ सकता है जैसा कि पिछले लोकसभा चुनाव में स्पष्ट हुआ था जब उनकी पार्टी ने राज्य की 40 में से 35 सीटों पर जीत हासिल की थी।
इसके साथ ही लोग भी अच्छा शासन चाहते हैं जो उन्होंने बिहार में नीतीश-सुशील मोदी शासन में देखा था और जैसा वे केंद्र में देख रहे हैं। इसलिए वे जाति की राजनीति से ऊपर उठेंगे।’’
नायडू ने कहा कि ‘जाति का खेल उलटकर उन पर ही भारी पड़ेगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘समय आ गया जब हम जाति से आगे सोचें। क्या जाति आपको भोजन दे सकती है? जाति केवल कुछ राजनीतिज्ञों को कोई पद प्राप्त करने में मदद कर सकती है लेकिन लोग विकास और सुशासन चाहते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या एच डी देवेगौड़ा, नीतीश, लालू और कांग्रेस की ओर से बनाया गया मोर्चा भाजपा की बिहार में संभावना को प्रभावित करेगा, नायडू ने कहा कि वे सफल नहीं होंगे क्योंकि उनके बीच व्यक्तित्व का टकराव है और उनमें कोई वैचारिक समीकरण नहीं है।