योग गुरू बाबा रामदेव एलोपैथी डॉक्टरों पर दिए गए विवादित बयान की वजह से आजकल चर्चा में हैं। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के आपत्ति जताने के बाद उन्होंने अपने बयान को वापस ले लिया है. योग गुरू बाबा रामदेव के चाहने वाले और उनके भक्त ना सिर्फ देशभर में हैं बल्कि विदेशों में भी वे काफी चर्चित हैं। इतना ही कई देशों के बड़े नेता भी बाबा रामदेव के फैन हैं। कहा यह भी जाता है कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री मरहूम बेनजीर भुट्टो भी बाबा रामदेव की योग कला से काफी प्रभावित थीं।
दरअसल सालों पहले इंडिया टीवी को दिए इंटरव्यू में पूर्व पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने कहा था कि विदेशों में वे जहां भी जाते थे, दर्जनों देशों में वहां के बड़े नेताओं ने उनसे बाबा रामदेव के बारे में पूछताछ की थी। आगे वैदिक ने कहा कि पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो तो उनसे अक्सर कहा करती थीं कि आपके यहां एक बाबा हैं जो भगवा रंग का कपड़ा पहनते हैं। वो मुझे कुछ योगा सिखाएं तो तबीयत खुश हो जाए।
इस इंटरव्यू के दौरान वेद प्रताप वैदिक ने यह भी कहा कि बाबा रामदेव देश में योग के पर्याय बन गए हैं। पहले भी देश में बड़े से बड़े योगी हुए हैं जिन्होंने विदेशों भी काम किया लेकिन वे योग को बड़े स्तर पर फैला नहीं पाए। इसका एक कारण यह भी है कि उस ज़माने में दूरदर्शन या टेलीविजन नहीं था। बाबा रामदेव ने टेलीविजन पर योग का ऐसा आकर्षक ढंग से प्रचार किया कि वो लोगों के जिगर में बस गया और घर कर गया।
बता दें कि पिछले दिनों बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इस वीडियो में बाबा रामदेव यह कहते हुए नजर आ रहे थे कि एलोपैथी एक स्टूपिड और दिवालिया साइंस है। लाखों लोगों की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है। बाबा रामदेव के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री के साथ एलोपैथी डॉक्टरों और आईएमए ने भी आपत्ति जताई थी। आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
विवाद गहराने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को चिठ्ठी लिखी थी। हर्षवर्धन ने लिखा था कि ऐसे समय में जब एलोपेथी डॉक्टर लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं। आपने एलोपैथी के बारे में जो तमाशा, बेकार और दिवालिया जैसे शब्द इस्तेमाल किए हैं वो गलत है। अगर देश में कोरोनावायरस संक्रमण से डेथ रेट 1.13 फीसदी है और रिकवरी रेट 88 फीसदी है तो यह सिर्फ एलोपैथी डॉक्टरों की वजह है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की आपत्ति के बाद बाबा रामदेव ने अपने बयान को वापस ले लिया था।