सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर लाया गया है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा के स्थान पर लगाए गए इस विधेयक को महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रपिता के विचारों और गरीबों के अधिकारों से नफरत है। राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस जन विरोधी विधेयक का सड़क से लेकर संसद तक पुरजोर विरोध करेगी। वहीं, सपा सांसद ने इस मुद्दे पर कहा कि यह देश महात्मा गांधी का था और हमेशा उनका ही रहेगा।
वहीं, मनरेगा के नामकरण के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कहा, “यह देश महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलता है। आज उनका नाम हटाया जा रहा है। यह देश कभी सावरकर का नहीं होगा। यह देश महात्मा गांधी का था और हमेशा उनका ही रहेगा।”
मनरेगा के नामकरण के मुद्दे पर कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, “यह सर्वविदित है कि आरएसएस और भाजपा महात्मा गांधी को नापसंद करते हैं जो उनके कार्यों में भी झलकता है। यह एक सफल रोजगार सृजन कार्यक्रम था जिसे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।”
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भाजपा को उन सभी लोगों से आपत्ति है जिन्होंने आजादी के लिए संघर्ष किया- प्रियंका चतुर्वेदी
मनरेगा विवाद पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “भाजपा को उन सभी लोगों से आपत्ति है जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में जो कुछ भी घोषित किया था, वह सब सच हुआ? न केवल नाम बदला जा रहा है बल्कि कानूनों को भी इस तरह बदला जा रहा है जो गरीबों और रोजगार के खिलाफ हैं। केंद्र सरकार राज्य सरकारों को जिम्मेदारी सौंपकर इस पूरे अधिनियम को खत्म करने की कोशिश कर रही है।”
उन्हें चिंता है कि उनका ‘गांधी’ उपनाम बरकरार रहे- रवनीत सिंह बिट्टू
MGNREGA का नाम बदलने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, “हर जगह वे (कांग्रेस) इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के अलावा किसी और का नाम नहीं देखना चाहते। उन्हें चिंता है कि उनका ‘गांधी’ उपनाम बरकरार रहे। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है, न महात्मा गांधी की, न किसी और की। कांग्रेस पार्टी अब नहीं रही, केवल परिवार बचा है। जहां तक मनरेगा और महात्मा गांधी का सवाल है, महात्मा गांधी सभी के हैं, वे केवल उनके ही नहीं हैं।”
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