बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर अपनी दो लिस्ट जारी की हैं। पहली लिस्ट में 95 और दूसरी में 72 प्रत्याशी घोषित किए हैं। पहली लिस्ट में पार्टी ने यूपी के 51 प्रत्याशी घोषित कर दिए थे, जिसमें सभी मौजूदा सांसदों के नाम थे। बात दूसरी लिस्ट की करें तो पार्टी ने यूपी के एक भी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि जिन प्रत्याशियों का नाम घोषित नहीं किया गया है, उनमें से कई सीटों पर पार्टी नए प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे और इसके चलते ही सवाल उठ रहा है कि पार्टी के बड़े नेता माने जाने वाले वरुण गांधी का क्या होगा?

वरुण गांधी की बात करें तो यूपी में सियासी लिहाज से उनका काफी दबदबा रहा है। वे सुल्तानपुर और पीलीभीत की सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। अब शंका यह है कि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट मिलेगा भी या नहीं, क्योंकि अभी तक उनकी सीट पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है।

पीलीभीत लोकसभा सीट के लिए मतदान पहले चरण में होगा और इसीलिए 20 मार्च से इसके लिए नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 20 अप्रैल को पीलीभीत में वोटिंग होगी लेकिन अभी तक बीजेपी ने नहीं बताया है कि यहां से प्रत्याशी कौन होगा।

बीजेपी हाई कमान की बेरुखी?

इसकी बड़ी वजह यह हो सकती है कि वरुण गांधी ने पिछले कुछ वर्षों में पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए थे और खुद को एक नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने के संकेत दिए थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका यह आक्रामक रुख और शक्ति प्रदर्शन बीजेपी हाई कमान को पसंद नहीं आया था। वरुण गांधी ने कई बार राज्य की योगी और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ भी बयान दिए थे, जो कि उन्हें विवादों में ला चुके हैं और बीजेपी हमेशा ही अपने ऐसे नेताओं से दूरी बना लेती है जो कि पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते रहे हैं। इससे पहले भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के साथ भी बीजेपी ने ऐसा ही किया था।

किसे मिल सकता है पीलीभीत से मौका

वरुण गांधी के विवादित व्यक्तित्व के चलते सूत्र बताते हैं कि उनका टिकट बीजेपी इस बार काट सकती है। वहीं खास बात यह भी है कि पार्टी कांग्रेस से ही आए एक चेहरे को पीलीभीत से अपना लोकसभा प्रत्याशी बना सकती है, जो कि जितिन प्रसाद हैं। प्रसाद फिलहाल यूपी की योगी सरकार में मंत्री पद पर हैं और खबरें हैं कि पार्टी उन्हें लोकसभा भेज सकती है। वरुण गांधी की तरह जितिन प्रसाद भी एक युवा चेहरा माने जाते हैं। इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि इस सीट से संजय गंगवार का नाम भी सामने लाया जा सकता है।

संशय के बीच तेवरों में आई थी नरमी

एक तरफ जहां वरुण गांधी की सीट कन्फर्म होने को लेकर संशय है तो दूसरी ओर चुनाव से पहले उनके रुख में कुछ नरमी आई थी। बीते कुछ वक्त में वे ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। पीएम मोदी की तारीफ करने से लेकर एक्स पर उनके पोस्ट को रीपोस्ट कोट करते भी नजर आए थे। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट में यह भी लिखा था कि सत्य को बेशक थोड़ा इंतजार करकना पड़े, मगर अंततः जीत सत्य की ही होगी।

निर्दलीय उतरने की भी है चर्चा

जब वरुण गांधी द्वारा नाराजगी के संकेत दिए गए थे कि वे बीजेपी से नाराज हैं तो यह भी चर्चाएं थी कि वे बीजेपी छो़ड़ सपा भी जॉइन कर सकते हैं। 2022 के विधानसभा संचुनाव के दौरान भी उनके बीजेपी छोड़ने के आसार थे। पूर्व सीएम और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि उनके आने या न आने को लेकर हमारा संगठन फैसला लेगा। वरुण गांधी को लेकर सियासी हलकों में ये भी चर्चाएं हैं कि वे अमेठी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते हैं।

गौरतलब है कि पीलीभीत सीट से वरुण गांधी की मां और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सांसद हैं और 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले वरुण गांधी ने जीतकर अपनी छवि एक फायरब्रांड नेता की बना ली थी और 2014 समेत 2019 में धमाकेदार जीत दर्ज की थी।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें बीजेपी टिकट देती भी है या नहीं, क्योंकि यह उनका राजनीतिक भविष्य तय करने वाला चुनाव हो सकता है।