बनारस के संकट मोचन मंदिर ब्लास्ट में फांसी की सजा पाने वाले आतंकी वलीउल्ला के मामले में एक टीवी डिबेट में जमकर बवाल मचा। दरअसल डिबेट में आए एडवोकेट रहमान मुजीब ने वलीउल्ला को एक वलीउल्ला कहा तो एंकर भड़ गए। अमन चोपड़ा ने कहा कि उसे आतंकी वलीउल्ला बोलिए। आपको ये पता नहीं है कि कोर्ट ने उसे फांसी की सजा दी है तो फिर आपको उसे आतंकवादी बोलने में क्या दिक्कत हो रही है।
रहमान मुजीब ने कहा कि कोर्ट ने अगर उसे आतंकी कह दिया है तो बात ही खत्म है। उनका दूसरे पैनलिस्ट को जवाब था कि अदालत जिसे आतंकवादी मान रही है उसे आतंकी कहने में उन्हें गुरेज नहीं है। लेकिन ये शब्द कोई उसके नाम में थोड़े ही नहीं जुड़ गया। उनका कहना था कि बीजेपी वाले नाथूराम के साथ ऐसा क्यों नहीं करते। वो दोहरे मानदंड अपमाने हैं।
कानपुर दंगों पर एंकर का सवाल था कि जो आरोपी हैं उनका दोष साबित होना है तो फिर ऐसे लोगों को निर्दोष क्यों बताया जा रहा है। क्या पुलिस की जांच का इंतजार नहीं करना चाहिए। दंगों की वजह से शांत शहर का माहौल खराब हुआ है। जिन लोगों ने ऐसा किया उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि हमें ये संदेश देना चाहिए कि कोई भी देशवासी ऐसी क्रिया की प्रतिक्रिया के साथ नहीं है।
पैनलिस्ट का कहना था कि बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को दोषी मानकर बाहर निकाल दिया। 48 और भी लोगों की लिस्ट तैयार है। लेकिन ये लोग पुलिस और मीडिया को क्यों नहीं दिख रहे। उनका कहना था कि पार्टी मान रही है कि उसके अपने नेता फ्रिंज एलिमेंट हैं पर आपके मुंह से अब भी शब्द नहीं निकल रहे। आप उनको बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
#DeshNahiJhukneDenge । डिबेट के दौरान सवालों के घेरे में क्यों आए वकील @RehmanMujeeb #KanpurViolence #KanpurRiots @AmanChopra_ pic.twitter.com/kcIwSoDJYr
— News18 India (@News18India) June 8, 2022
रहमान मुजीब ने कहा कि किसी भी निर्दोष को फंसाया जाना गलत है। बीजेपी का इतिहास ही लोगों को झूठे मामले में फंसना है। डॉ. कफील की बात करें या फिर आजम खान। सभी को दिख रहा है कि कैसे सरकार अपने राजनीतिक दुश्मनों को निपटाती है। उनका कहना था कि कानपुर हिसा में जो दोषी पाए जाते हैं उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।