वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में हुए हादसे में 2 मजदूरों की मौत हो गयी, वहीं सात अन्य घायल हो गए। इस कॉरिडोर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। वाराणसी के डीएम ने ट्वीट कर बताया है है कि प्रधानमंत्री ने स्वयं कॉल कर पूरे मामले की जानकारी ली है।

खबरों के अनुसार निर्माणाधीन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पास मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। जर्जर दो मंजिला गोयनका छात्रावास का कुछ हिस्सा भरभरा कर गिर गया। छात्रावास के रसोई का हिस्सा पूरी तरह से जमींदोज हो गया। जब यह हादसा हुआ उस समय 8 मजदूर उसी में सो रहे थे। हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गयी और अन्य घायल हो गए। एनडीआरएफ की मदद से घायलों को अस्पताल भर्ती करवाया गया है। सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के मालदा के बताए जा रहे हैं।

काशी विश्वनाथ परिसर में पिछले 10 दिनों के अंदर दूसरी बार जर्जर मकान गिरने की घटना घटी है। इससे पहले 23 अप्रैल को लाहौरी टोले के समीप तीन मंजिला मकान की एक कमरे की दीवार भरभार कर गिर गयी थी। तब हादसे में पांच लोग घायल हो गए थे। बता दें कि काशी विश्ननाथ कॉरिडोर के आसपास कई मकान वर्षो पुराने और जर्जर हाल में हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि कॉरिडोर निर्माण कार्य में लगी भारी मशीनों के कारण हो रहे कंपन के कारण जर्जर मकान गिर रहे हैं।

क्या है काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर? : इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। यह कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर, मणकर्णिका घाट और ललिता घाट के बीच 25,000 हजार वर्ग मीटर में बन रहा है। इसके तहत फूड, स्ट्रीट, रिवर फ्रंट समेत बनारस की तंग सड़को के चौड़ीकरण का काम चल रहा है।

इस योजना के पूरा होने के बाद लोग गंगा किनारे होकर 50 फीट सड़क से बाबाब विश्वनाथ मंदिर जा सकेंगे। इसके अलावा काशी के प्राचीन मंदिरों को संरक्षित किया जाएगा। अभी यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है। भवनों की खरीद और ध्वस्तीकरण का काम तेजी से चल रहा है।