पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 में है। इससे पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्य विपक्षी दल भाजपा एक नए टकराव में फंस गए हैं। इस बार राज्य के दो सांस्कृतिक प्रतीकों (रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय) को लेकर दोनों दल आमने सामने हैं। केंद्र की मोदी सरकार से लेकिन भाजपा की राज्य सरकारें बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रही है, वहीं टीएमसी ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने राष्ट्रगान जन गण मन के रचयिता टैगोर का अपमान किया है।

बीजेपी नेता की टिप्पणी से विवाद बढ़ा

वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में कर्नाटक भाजपा नेता विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी द्वारा यह टिप्पणी किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया कि इसे राष्ट्रगान होना चाहिए था। कागेरी ने सुझाव दिया कि जन गण मन ब्रिटिश अधिकारियों के स्वागत गीत के रूप में लिखा गया था। हालांकि बाद में आलोचना के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। टीएमसी ने इसे नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्र नाथ टैगोर का अपमान बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की।

दूसरी ओर भाजपा ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर वंदे मातरम समारोह को कमतर आंकने का आरोप लगाया। जिस दिन भाजपा ने साल भर वंदे मातरम समारोह मनाने की घोषणा की, उसी दिन पश्चिम बंगाल सरकार ने घोषणा की कि सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित राज्य गीत बांग्लार माटी, बांग्लार जोल गाएंगे।

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तृणमूल कांग्रेस ने क्या कहा?

शुक्रवार को जब पूरा देश (जिसमें भाजपा के सांसद, विधायक और बंगाल के नेता शामिल थे) वंदे मातरम मना रहा था, तृणमूल कांग्रेस ने रवीन्द्रनाथ टैगोर को पुष्पांजलि अर्पित की। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने मीडिया से कहा, “भाजपा विभाजनकारी राजनीति करती है। हिंदुओं और मुसलमानों, ब्राह्मणों और दलितों के बीच विभाजन पैदा करती है और अब वे दो महान बंगालियों, रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा बंकिम चंद्र को इसलिए पसंद करती है क्योंकि टैगोर हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करते थे और महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता उनका गहरा सम्मान करते थे।”

भाजपा ने आरोप लगाया कि टीएमसी का रुख तुष्टिकरण की राजनीति है, लेकिन टीएमसी ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि राज्य सरकार चट्टोपाध्याय के सम्मान के लिए पहले ही एक समिति गठित कर चुकी है। शनिवार को भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने टीएमसी की आलोचना की। उन्होंने कहा, “जब भी ममता बनर्जी किसी राजनीतिक संकट का सामना करती हैं, तो उन्हें बंगाली ‘अस्मिता’ याद आती है। यह केवल दिखावा है। वंदे मातरम एक राजनीतिक गीत है, और हम इसका विरोध कर रहे हैं।”

इस बीच टीएमसी ने टैगोर को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तरी कोलकाता स्थित उनके पैतृक घर, जोरासांको ठाकुर बाड़ी में एक रैली का आयोजन किया, जिसके बाद एक विरोध रैली भी हुई। राज्य मंत्री शशि पांजा ने कहा, “भाजपा द्वारा बंगाल के आदर्शों के अपमान से हम सभी आहत हैं। यहां टैगोर के निवास से, हमें प्रेरणा और साहस मिलता है। हमारी संस्कृति और जीवन उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमता है। हमारा विरोध इस अपमान के विरुद्ध है। बंगाल एक लघु भारत है जहां सभी जाति, पंथ और धर्म के लोग शांतिपूर्वक रहते हैं। हमें क्यों बांट रहे हैं? टैगोर की रचनाओं का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है। वे हमारे दिलों में बसते हैं।”