राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ पर सोमवार को संसद में चर्चा होनी है। इस चर्चा से पहले तमाम दलों के नेता इस विषय पर अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “ये हमारा राष्ट्रीय गीत है, इसको जब हम गाते हैं तो गौरवान्वित महसूस करते हैं।”
उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, “बहुत सारी चीजें हैं, जिनपर चर्चा होनी चाहिए। मैं तो बहुत सारी चीजों पर चर्चा की मांग भी कर रहा हूं। देखिए ये हमारा राष्ट्रीय गीत है, इसको जब हम गाते हैं तो गौरवान्वित महसूस करते हैं।”
आजाद समाज पार्टी के चीफ ने आगे कहा, “150 साल का लंबा सफर है, मैं तो याद करता हूं उन क्रांतिकारियों को, जब अंग्रेज उनके ऊपर कोड़े बरसाते थे, जब उनको डराने के लिए सजाएं और तमाम तरह के नोटिस जारी करते थे तो वो इसी राष्ट्रगीत को गाकर अपने अंदर ऊर्जा पैदा करते थे। हम क्रांतिकारियों को मानने वाले लोग हैं, गौरव का पल है, चर्चा हो, सकारात्मक चर्चा हो और मुझे उम्मीद है, ऐसी जो हमारी विरासतें हैं तमाम, सब चीजों पर चर्चा हो।”
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कुछ लोग ‘वंदे मातरम’ की बजाय ‘बाबरी मस्जिद’ को मानते हैं: गिरिराज सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कुछ लोग वंदे मातरम का सम्मान नहीं करते। वे इसके बजाय बाबरी मस्जिद को मानते हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे हुए हैं। बंगाल की धरती से ही आजादी का यह गीत आया था और यह भारत की विरासत है। इस पर संसद में चर्चा जरूरी है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर भारतीय लोकतंत्र के इस भव्य मंदिर में ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा नहीं होगी, तो कहां होगी? कुछ लोग तो ‘वंदे मातरम’ का सम्मान भी नहीं करते, बल्कि वे इसके बजाय बाबरी मस्जिद को मानते हैं।”
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