Pahalgam Politics: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पूरा देश आक्रोशित है, हर कोई पाकिस्तान के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई चाहता है। अब इस बीच इसी मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। जिस तरह से उरी और पुलवामा हमले के बाद कुछ कांग्रेस नेताओं के विवादित बयान ने बीजेपी को हमला करने का मौका दिया था, एक बार फिर वैसा ही माहौल बनता हुआ दिख रहा है। बात चाहे रॉबर्ट वाड्रा की हो, मणिशंकर अय्यर की हो या फिर कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया की, सभी ने कुछ ऐसा बोला है जिस वजह से वे निशाने पर आ चुके हैं।

रॉबर्ट वाड्रा ने क्या बोला है?

रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि मुझे बहुत बुरा लग रहा है और मेरी गहरी संवेदनाएं इस आतंकवादी कृत्य में मारे गए लोगों के प्रति हैं। हमारे देश में, हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है, और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। यदि आप इस आतंकवादी कृत्य का विश्लेषण करते हैं, यदि वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक विभाजन पैदा हो गया है।इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं।

पहलगाम हमले के LIVE UPDATES

मणिशंकर अय्यर ने क्या बोला?

एक किताब के विमोचन के दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि क्या 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ का नतीजा था। आज तक हम उस बंटवारे के नतीजों के साथ जीने को मजबूर हैं। क्या विभाजन के अनसुलझे सवाल ही 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई भयानक त्रासदी को दर्शाते हैं? अय्यर ने आगे कहा कि आज के हिंदुस्तान में, क्या एक मुसलमान को लगता है कि उसे स्वीकार किया जाता है? क्या एक मुसलमान को लगता है कि उसे प्यारा माना जा रहा है? क्या एक मुसलमान को लगता है कि उसका सम्मान हो रहा है? हमें सवालों के जवाब खोजने चाहिए, किसी भी मुसलमान से पूछेंगे तब भी जवाब मिल ही जाएंगे।

पहलगाम आतंकियों के खुल गए राज

सिद्धारमैया ने क्या बोला?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को होना ही चाहिए था, लेकिन वे तब बिहार के चुनावी प्रचार में व्यस्त चल रहे थे। सवाल तो उठता है कि उनके लिए ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है। वे लोगों को टोपी पहना रहे हैं। हम तो मानते हैं कि युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, हमें सिर्फ कड़े कदम उठाने पड़ेंगे, सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है।

कांग्रेस के सवाल आखिर क्यों चुभ रहे?

अब वाड्रा, अय्यर और सीएम सिद्धारमैया के बयान कुछ ऐसे रहे हैं जिन्हें सीधे राष्ट्र हित से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकार मानते हैं कि अगर इनके बयान कुछ हद तक सही भी है, तब भी टाइमिंग की वजह से विवाद पैदा हुआ है। इस समय जब देश पूरी तरह राष्ट्र प्रेम की भावना से भरा बैठा है, जब वो पाकिस्तान से बदला चाहता है, उस समय यह बोल देना कि युद्ध नहीं होना चाहिए, देश का मुस्लिम डरा हुआ है या फिर विभाजन वाली विचारधारा की वजह से हमला हुआ है, ये सारे वो बयान हैं जिन्होंने बीजेपी को एक बार फिर राष्ट्रवाद की पिच पर खेलने का मौका दे दिया है।

बीजेपी को दिख रही राष्ट्रवाद पिच

बीजेपी तो आसानी से फिर वही नेरेटिव सेट कर रही है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। कांग्रेस को मुश्किल समय में भी सिर्फ राजनीति करनी है। अब देश का सियासी इतिहास बताता है कि जब-जब कांग्रेस की तरफ से ऐसी बयानबाजी हुई है, उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बात चाहे बालाकोट एयरस्ट्राइक की हो जब सबूत मांग लिए गए थे या फिर उरी आतंकी हमले की जब सेना के शौर्य पर सवाल उठा था। दोनों ही स्थिति में कांग्रेस को बीजेपी ने विलेन के रूप में पेश किया। एक बार फिर बीजेपी को वो मौका मिल चुका है, सोशल मीडिया पर निशाना साधने का जरिया मिल चुका है।