गुजरात के वड़ोदरा नाव हादसे में 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। शहर के बाहरी इलाके में स्थित हरनी झील में गुरुवार को एक नाव पलट जाने से अब तक कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 14 छात्र और दो शिक्षक शामिल हैं। ये लोग दोपहर में हरनी झील पर पिकनिक मनाने गए थे। हादसे के लिए नाव में क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने को वजह बताई जा रही है। घटना के वक्त कुछ छात्र लाइफ जैकेट पहने थे, जबकि अधिकतर बच्चे बिना जैकेट के थे। हादसे में 9 छात्रों और 2 शिक्षकों को बचा लिया गया। इस घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष इसे हादसा के बजाए मर्डर बता रहा है।
जान गंवाने वाले और बचे बच्चों की पहचान हो गई है
पीड़ितों की पहचान मोहम्मद अयान मोहम्मद अनीस गांधी (13), फाल्गुनीबेन मनीषभाई पटेल (45), रोशनी पंकजभाई शिंदे (10), रुतवी प्रतीक शाह (10), छायाबेन सुरती (45), जाहबिया मोहम्मद यूनुस सूबेदार (10), विश्व कुमार कल्पेशभाई निज़ामा (10), रेयान हारुन खलीफा (10), सकीना सोकत अब्दुलरासुर (9), अलिसाबानु महामद उमर कोठारीवाला (9), मुववज़ा मोहम्मद माहिर शेख (8), नैन्सी राहुल माली (8), आयत अल्ताफ हुसेनी मंसूरी ( 9), और आसिया फारुक खलीफा (11) के रूप में हुई है। जीवित बची सूफिया शौकत शेख (13) का फिलहाल इलाज चल रहा है।
कांग्रेस नेता ने सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की
वडोदरा में नाव पलटने की घटना पर वडोदरा नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता अमी रावत का कहना है, “हम इसे हत्या का कृत्य मान रहे हैं, कोई दुर्घटना नहीं। हम मांग करते हैं कि इस घटना की जांच किसी सिटिंग जज से कराई जाए। यह सरासर लापरवाही है। नाव में कोई लाइफ जैकेट या लाइफगार्ड मौजूद नहीं था। जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए। 2016 में जब यह परियोजना ठेकेदारों को आवंटित की गई थी, तब हमने इस पर आपत्ति जताई थी।”
इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
त्रासदी पर सामाजिक कार्यकर्ता अतुल गमेची ने पीटीआई एजेंसी से कहा, “यह वडोदरा शहर के लिए बहुत दुखद घटना है। नाव की क्षमता 14 लोगों की थी, हालांकि, इसमें 27 लोगों को बैठाया गया था। सही ढंग से तो नाव में दो बचावकर्मी होने चाहिए थे, वे भी मौजूद नहीं थे। साथ ही कोई लाइफ जैकेट भी उपलब्ध नहीं कराई गई। यहां कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। वडोदरा नगर निगम और ठेकेदार भ्रष्टाचार में शामिल हैं।”