Gambia Cough Syrup Case: उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय कफ सिरप (Cough Syrup Case) से 18 बच्चों की मौत मामले में जांच शुरू हो गई है। गुरुवार (29 दिसंबर) को इसको लेकर आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी। वहीं उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि जिन बच्चों की मौत हुई, उन्होंने नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक (Marion Biotech) द्वारा बनाई गई खांसी के सिरप ‘डॉक-1 मैक्स’ का प्रयोग किया था।
Marion Biotech कंपनी बोली- हमारी तरफ से कोई गड़बड़ नहीं:
मैरियन बायोटेक के कानूनी मामलों को देखने वाले हसन हैरिस ने कहा कि इस मामले में दोनों देशों की सरकारों की जांच चल रही है। हमारी तरफ से कोई समस्या नहीं है और जांच में कोई गड़बड़ नहीं मिली है। हैरिस ने कहा, ‘‘हम पिछले 10 सालों से काम कर रहे हैं। सरकार की जांच रिपोर्ट आने के बाद हम इस पर गौर करेंगे।”
हैरिस ने कहा कि जांच के बीच फिलहाल हम दवा का निर्माण नहीं कर रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) का कहना है कि जांच के दौरान प्रयोगशाला में सिरप के एक बैच में रासायनिक एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया। इस संबंध में भारत के औषधि महानियंत्रक ने उज्बेक नियामक से और जानकारी मांगी है।
Mansukh Mandviya- स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandviya) ने कहा, “नोएडा की मैरियन बायोटेक में यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ टीम द्वारा संयुक्त निरीक्षण किया गया। इसमें आगे की कार्रवाई चल रही है। परिसर से कफ सिरप के नमूने लिए गए और परीक्षण के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चंडीगढ़ भेजे गए।”
इससे पहले 70 बच्चों की मौत हुई थी:
गौरतलब है कि गांबिया में इस साल की शुरुआत में 70 बच्चों की मौत को गई थी। आरोप के मुताबिक इसको हरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित खांसी के सिरप से जोड़ा गया था। इस मामले में हरियाणा स्थित इकाई को मानकों के उल्लंघन के चलते बंद कर दिया गया था। हालांकि बाद में एक सरकारी प्रयोगशाला में जांच के बाद नमूने नियमों के अनुसार पाए गए।
