Uttarkashi News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली गांव में बादल फटने के बाद प्रकृति का प्रकोप देखने को मिला। धराली गांव की खीरगंगा में मंगलवार को अचानक बादल फट गया। इसके बाद आई बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा दी है। इस प्राकृतिक आपदा में 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। 4 लोगों की मौत की जानकारी प्रशासन ने दी है। वहीं ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बताया जा रहा है कि करीब 20 मीटर ऊंचा मलबा एक जगह जमा हो गया, जिसमें कई लोग दबे हुए बताए जा रहे हैं। चश्मदीद ने इस घटना का आंखों देखा मंजर बयां किया है।
राहत-बचाव में जुटी टीमें
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है। भारतीय सेना के भी जवान राहत बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख जताया और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। दिल्ली से भी टीमें भेजी गई हैं।
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मैंने अपनी आंखों के सामने कई होटल बहते देखें- चश्मदीद
इस घटना को लेकर बीबीसी ने चश्मदीद से बातचीत की है। आस्था पवार धराली गांव की ही रहने वाली हैं और उनका घर सड़क से थोड़ी दूरी पर है। आस्था ने बताया कि मैं ऊपर रहती हूं तो मुझे पता है नीचे कितना नुकसान हुआ है। आस्था पवार ने बताया कि मैंने अपनी आंखों के सामने कई होटल बहते देखें और ऐसा नहीं है कि सब कुछ एक ही बार में बह गया। आस्था के अनुसार जो पहले लहर आई थी, वह काफी भयानक थी। आस्था ने बताया कि हर 10 से 20 मिनट के बीच मलबे की ओर लहरें आती रही और वह अपने साथ होटल बहाती चली गई। Dharali Uttarkashi Cloudburst Viral video
रात को हुई थी पूजा
आस्था ने बताया कि हमें कोई वार्निंग नहीं दी गई थी और किसी को कोई जानकारी नहीं थी कि इतना बड़ा हादसा होने वाला है। आस्था ने बताया कि धराली गांव के ज्यादातर लोग एक स्थानीय पूजा में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शुक्र है कि यह हादसा 4 अगस्त की रात को नहीं हुआ जब पूरा गांव पूजा में शामिल हो रहा था। आस्था ने कहा कि अगर हमें वार्निंग दी गई होती तो हम पूजा में जाते ही नहीं, लेकिन कोई अलर्ट जारी नहीं हुआ, बच्चे स्कूल में थे, सब कुछ नॉर्मल था।
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सबकुछ खत्म हो गया- आस्था
आस्था ने बताया कि यहां पर बहुत बड़े-बड़े होटल थे, तीन से चार मंजिला होटल थे और अब उनकी छत तक नहीं दिख रही है। उन्होंने बताया कि पूरा मार्केट खत्म हो चुका है, धारली बहुत बड़ा बाजार था और यहां पर एक बहुत बड़ा मंदिर था। आस्था के अनुसार अब उन्हें कुछ भी नहीं दिख रहा है, सब कुछ तबाह हो गया। कल्प केदार मंदिर भी नहीं दिख रहा।
धराली गंगोत्री जाने के रास्ते में पड़ता है और पास में ही हर्षिल वैली स्थित है। कल्प केदार यहां का स्थानीय मंदिर है, जहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए आते हैं। बता दें कि चार धाम यात्रा का रास्ता भी धराली से होकर ही जाता है। ऐसे में कई बार श्रद्धालु धारली में ही रुक जाते हैं।