उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के आपदाग्रस्त धराली गांव के आसपास के क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य जारी है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई मार्गों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव और राहत कार्यों को हवाई मार्ग के जरिये अंजाम दिया जा रहा है। इस बीच खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में अड़चनें आ रही हैं। उत्तरकाशी में देर शाम मौसम ने करवट बदली और तेज बारिश शुरू हो गई। इसके चलते हेली से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है।

जेनरेटर लेकर उत्तरकाशी आपदाग्रस्त क्षेत्र में जा रहा चिनूक मौसम खराब होने की वजह से चिन्यालीसौड़ में लैंड करना पड़ा। तेज हवाओं के कारण चिनूक का संतुल बिगड़ रहा था। मौसम विभाग ने शुक्रवार शाम 5 से 8 बजे के बीच भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरकाशी में अगले तीन दिनों तक आंधी, बारिश का मौसम रह सकता है। 8 से 10 अगस्त तक जिले में मध्यम से भारी बारिश देखी जा सकती है, वहीं कई जगहों पर आंधी और बिजली गिरने की घटनाएं भी होने के आसार हैं। 11 अगस्त को भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

उत्तराखंड के कई हिस्सों में तेज बारिश होने की संभावना

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार देहरादून समेत उत्तराकाशी, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत और नैनीताल जिले के कुछ हिस्सों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी बिजली चमकने के साथ तेज बारिश होने के आसार हैं। आने वाले दिनों की बात करें तो 13 अगस्त तक प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

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उत्तरकाशी में जारी बचाव अभियान

उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के आपदाग्रस्त धराली गांव के आसपास के क्षेत्रों में राहत-बचाव कार्य जारी है जिसके तहत शुक्रवार को 128 और श्रद्धालुओं तथा स्थानीय लोगों को बाहर निकाला गया। अब तक बाहर निकाले गए श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की कुल संख्या 566 हो गई है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई मार्गों के क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव और राहत कार्यों को हवाई मार्ग के जरिये अंजाम दिया जा रहा है।

उत्तराखंड सरकार के अलावा सेना के चिनूक एवं एम-17 हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जा रहा है। धराली में लगे मलबे के ढेर में लापता लोगों की तलाश के लिए उन्नत उपकरणों को भी हवाई मार्ग से मौके पर पहुंचाया जा रहा है। प्रभावित इलाकों में खाद्य और अन्य जरूरी सामग्री भी हेलीकॉप्टर के जरिए भेजी जा रही है। NDRF के एक अधिकारी ने कहा कि विभिन्न जगहों पर सड़कें टूटी होने के कारण बचाव अभियान के लिए हवाई मार्ग पर ही अधिक जोर दिया जा रहा है। पढ़ें- महाराष्ट्र के 151 पर्यटक उत्तरकाशी में फंसे, 31 से अब भी संपर्क नहीं

(भाषा के इनपुट के साथ)