Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराकाशी की सुरंग में 10 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को ड्रिलिंग मशीन की मदद से अगले दो दिनों के भीतर बाहर निकाला जा सकता है, लेकिन अगर इससे काम नहीं बना तो बचाव कार्य 15 दिनों तक भी खिंच सकता है। यह बात घटना से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने कही। 12 नवंबर यानी दिवाली की सुबह में उत्तराखंड में 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के ढह जाने के बाद से मजदूर इसमें फंस हैं। उन्हें पाइप के जरिए भोजन, पानी और दवाइयां दी जा रही हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि अमेरिकी निर्मित ऑगर ड्रिलिंग मशीन, जो पहले से ही काम में है, अभी सबसे अच्छा विकल्प है और श्रमिक दो से ढाई दिनों के भीतर बाहर हो सकते हैं।

  1. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कहा, “मशीन आज काम कर रही है। मुझे उम्मीद है कि सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ निकलेंगे।”
  2. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली।
  3. अपर सचिव तकनीकी, सड़क एवं परिवहन महमूद अहमद ने कहा, ‘सुरंग के अंदर 21 मीटर अंदर एक अतिरिक्त 800 मिमी पाइप भी डाला गया है। देर रात करीब 12:45 बजे हमने मशीन के माध्यम से ड्रिलिंग शुरू की और अब तक हमने तीन और पाइप डाले हैं…जब तक हम सुरंग के अंदर 45-50 मीटर तक नहीं पहुंचते हैं तब तक हम आपको इतना कुछ नहीं बता पाएंगे।…हम बड़कोट से क्षैतिज ड्रिलिंग भी कर रहे हैं, हम वहां से भी लगभग 8 मीटर अंदर प्रवेश कर चुके हैं।’
  4. बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने कहा, ‘वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए हमें एक्सेस सड़क बनाना था, जिसमें हमें 1150 मीटर का ट्रैक बनाना था जो कि हमने 20 तारीख को बना दिया था। इस ट्रैक के अंतिम छोर पर दो वर्टिकल ड्रिलिंग होने हैं, जिसके लिए दो ड्रिलिंग मशीन पहुंचनी थी जिसमें से एक पहुंच चुकी है। हमें एक और एक्सेस सड़क बड़कोट से बनानी थी जो टनल का दूसरा साइड है उसका सर्वे हमारा कल पूरा हुआ है। हमारी मशीनरी वहां पहुंच चुकी है ताकि अगर जरूरत पड़ी तो हम वहां पर आज से काम शुरू कर सके।’
  5. प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा,” यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि क्षैतिज पाइपलाइन सुरंग के अंदर से 39 मीटर पाइपलाइन ड्रिल की गई है। सब कुछ अच्छा चल रहा है, मैंने उनसे बात की और हर कोई उत्साहित था। आशा करते हैं कि हम इसे हासिल करने में सक्षम होंगे।’
  6. उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर BRO के एक कार्यकर्ता लक्षू राउत ने बताया, ‘आज हम सड़क की मरम्मत करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मशीनों को सुरंग स्थल तक ले जाने में कोई कठिनाई न हो।’ एक अन्य BRO कार्यकर्ता सरोज मांझी ने बताया, ‘कुल 37 श्रमिक सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी पर जा रहे हैं। जहां तक लक्ष्य था वहां तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है और मशीनें भी पहुंच गई हैं।’
  7. मंगलवार को सुरंग के अंदर से मजदूरों का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें सभी सुरक्षित दिखाई दिए। इनमें से कई मजदूरों के परिजन सुरंग के बाहर ही मौजूद हैं जिनसे उनकी बात कराई जा रही है। बुधवार को भी मजदूरों की परिवारवालों से बात कराई गई, जिसमें एक मजूदर ने मोबाइल का चार्जर अंदर भेजने के लिए कहा।
  8. सुरंग में फंसे एक श्रमिक के परिजन इंद्रजीत कुमार ने बताया, “मेरे दो परिचित लोग सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं जिसमें से एक मेरा भाई और दूसरा रिश्तेदार है… अधिकारी जो बात बता रहे हैं वह सच है। मैं खुद आज सुबह 6 बजे के आसपास टनल के अंदर गया था… वे लोग(श्रमिक) खुश हैं…”
  9. सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों में से एक पुष्कर सिंह येरी के भाई विक्रम सिंह येरी ने बुधवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि पुष्कर से मेरी बात हुई है। उसने कहा कि मैं अच्छा हूं। आप लोग घर जाइए। मैं आ जाऊंगा। फलों और अन्य खाद्य पदार्थों को पाइप के माध्यम से भेजा गया था। उन्होंने एक मोबाइल चार्जर भी मांगा है।
  10. इस चौड़ी पाइपलाइन से संचार के बेहतर होने के साथ खाद्य सामग्री भी बड़ी मात्रा में भेजी जा सकती है।सुरंग में फंसे श्रमिकों में शामिल अपने रिश्तेदार प्रदीप किस्कू की कुशलक्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंचीं सुनीता हेम्ब्रम ने कहा कि मैंने उनसे बात की। वह ठीक हैं। नए पाइप के जरिए श्रमिकों से बातचीत में आसानी हुई है। इससे पहले हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था, लेकिन अब उनकी आवाज स्पष्ट थी। उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए थे।