उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हट गया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत की राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति शासन को हटा दिया। उत्तराखंड विधानसभा में 29 अप्रैल को कांग्रेस को बहुमत साबित करना होगा। बता दें कि उत्तराखंड में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लगा था। राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद कांग्रेस ने खुशी जताई है। वहीं केंद्र सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
इसी बीच हाईकोर्ट ने नौ बागियों की सदस्यता भी रद्द कर दी। इसी के साथ हरीश रावत के लिए बहुमत साबित करने का रास्ता आसान हो गया। बागियों की सदस्यता रद्द करने के बाद बहुमत का आंकड़ा घटकर 32 रह गया है। कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा समेत 33 विधायकों का समर्थन है। उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले पर भाजपा नेता कैला श विजयवर्गीय ने कहा कि हाईकोर्ट के तीन दिन के रूख को देखते हुए फैसले से अचरज नहीं हुआ। हरीश रावत सरकार अल्पमत में हैं और 29 अप्रैल को यह साबित हो जाएगा। इसी बीच भाजपा के अाला नेता बैठक के लिए दिल्ली में जुट़े हैं। इसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं।
Meeting underway between HM Rajnath Singh &Union Minister Arun Jaitley & BJP President Amit Shah at latter’s residence in Delhi #Uttarakhand
— ANI (@ANI_news) April 21, 2016
इससे पहले उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर अब केंद्र राष्ट्रपति शासन लागू करने का अपना आदेश वापस लेता है तथा किसी और को सरकार बनाने की अनुमति देता है तो यह न्याय का उपहास होग। उच्च न्यायालय ने यह तीखी टिप्पणी तब की जब सरकार के वकील इस मामले में फैसला सुनाए जाने तक वर्तमान स्थिति बनाए रखने के संबंध में एक हलफनामा देने में नाकाम रहे। लगातार चौथे दिन सुनवाई जारी रखते हुए अदालत ने केंद्र को यह भी कहा कि वह अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत की राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को चुनौती देने तथा सदन में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करने की मांग कर रही याचिका पर विचार करने की अनुमति दे सकती है।
मुख्य न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति वी के बिष्ट की एक पीठ ने कहा ‘क्या हमें स्थगन के लिए सात अप्रैल को दिए गए उनके आवेदन पर विचार करना चाहिए? उम्मीद की जाती है कि फैसला सुनाए जाने तक केंद्र सरकार अनुच्छेद 356 को वापस नहीं लेगी। अगर आप 356 को वापस लेते हैं तथा किसी और को सरकार बनाने के लिए कहते हैं तो यह कुछ और नहीं बल्कि न्याय का उपहास होगा।’ उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कहा कि वह इस बात से ‘‘दुखी’’ है कि भारत सरकार इस तरह बर्ताव कर रही है और साफ नहीं कर रही है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की कार्रवाई स्थगित कर सकती है या नहीं।