केंद्र सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा लिया। इससे पहले, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उत्तराखंड में लगा राष्ट्रपति शासन हटाया जाए क्योंकि हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने शक्ति परीक्षण में विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक, हरीश रावत को 33 वोट मिले। सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने बैठक की और राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला लिया।
इससे पहले, अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, ”अगर कोर्ट मंजूरी दे देता है तो हमें निर्देश मिले हैं कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटा लिया जाए।” रोहतगी ने कहा कि एक बार राष्ट्रपति शासन हटते ही रावत सरकार जिम्मेदारी संभाल सकती है।
Dehradun: Harish Rawat’s supporters burst crackers in celebration of the floor test win. #Uttarakhand pic.twitter.com/6j5laa5NSr
— ANI (@ANI_news) May 11, 2016
बता दें कि मंगलवार को शक्ति परीक्षण के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत ने जीत का इशारा (विक्ट्री साइन) दिखाते हुए कहा था, ”मैं नतीजे को गुप्त बनाए रखने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करता हूं, लेकिन मैं नतीजे को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं।” विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए वोटिंग कोर्ट की देखरेख में हुई थी।
Court dictated the order,33 votes in favour of Harish Rawat and 28 against him:KC Kaushik,appearing for Harish Rawat pic.twitter.com/KZxFeywf0a
— ANI (@ANI_news) May 11, 2016
केंद्र सरकार ने बीते 27 मार्च को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाया था। इससे पहले, 18 मार्च को कांग्रेस ने नौ बागी विधायकों ने बजट से जुड़े एप्रोप्रिएशन बिल के खिलाफ बीजेपी के साथ मिलकर वोटिंग की थी। स्पीकर ने बागियों को अयोग्य घोषित कर दिया था। बाद में उनके फैसले को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। इसके बाद शक्ति परीक्षण के लिए रास्ता साफ हुआ।
राहुल गांधी ने साधा निशाना
Hope Modiji learns his lesson-ppl of this country &institutions built by our founding fathers will not tolerate murder of democracy:R Gandhi
— ANI (@ANI_news) May 11, 2016
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मंगलवार को हुई वोटिंग में बीजेपी के भीम लाल आर्य और कांग्रेस की रेखा आर्य ने क्रॉस वोटिंग की। भीम लाल आर्य के खिलाफ पार्टी ने छह महीने पहले अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी। वोटिंग में पीडीएफ (प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट) के चार विधायकों और बीएसपी के एक विधायक ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया था। पीडीएफ लीडर मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा था, ”बीजेपी हमारे बारे में अफवाह फैला रही है कि हम टूट जाएंगे, लेकिन हम कांग्रेस के साथ हैं।”
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