सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 10 मई को होने वाले शक्ति परीक्षण के लिये उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। पुलिस ने भी विधायकों से लेकर विधानसभा तक सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर ली है। विधानसभा के सचिव जगदीश चंद्र ने बताया कि शक्ति परीक्षण के लिये 10 मई की सुबह 11 बजे विधानसभा में विशेष सत्र होगा। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि शक्ति परीक्षण के मद्देनजर हमने विधायकों से लेकर विधानसभा तक सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रत्येक विधायक को मिलने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या एक से बढाकर 2 कर दी गई है जबकि विधानसभा में भी सुरक्षाकर्मियों की संख्या में पर्याप्त बढोत्तरी की गई है। अधिकारी ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान किसी भी प्रकार के शांति भंग के प्रयास को रोकने के लिये पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

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कांग्रेस और भाजपा दोनों राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर विधानसभा में पार्टी लाइन पर मतदान करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। पूर्व संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा ह्रदयेश ने बताया कि ई-मेल, एसएमएस और चिट्ठी सहित सभी माध्यमों से भेजे गये व्हिप में सभी विधायकों को हर परिस्थिति में 10 मई को विधानसभा में मौजूद रहने और हरीश रावत सरकार द्वारा पेश किये जाने वाले विश्वास मत के समर्थन में मतदान करने के स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं। इंदिरा ने विश्वास व्यक्त किया कि विधानसभा में संख्या बल कांग्रेस के पक्ष में है और जीत उन्हीं की पार्टी की होगी। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक ने भी बताया कि पार्टी विधायकों को व्यक्तिगत रूप से व्हिप जारी किया जा रहा है लेकिन आवश्यकता पड़ने पर विधायकों को यह सूचना सबंधित जिले के जिलाधिकारी के माध्यम से भी दी जा सकती है।

घनसाली से पार्टी विधायक भीमलाल आर्य के बारे में पूछे जाने पर कौशिक ने कहा कि आर्य को भी पार्टी व्हिप जारी किया जायेगा और उन्हें शक्ति परीक्षण के दौरान अन्य विधायकों की तरह पार्टी लाइन पर मतदान करने के निर्देश होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री रावत से नजदीकियों और अपनी पार्टी के प्रति संदिग्ध निष्ठा के चलते पिछले महीने भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से दल-बदल कानून के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी । हांलांकि, आर्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने का आधार बताते हुए कुंजवाल ने वह याचिका खारिज कर दी थी। कौशिक ने कहा कि यदि आर्य व्हिप को लेने से इंकार करते हैं तो उन्हें विधानसभा अध्यक्ष के जरिये व्हिप की प्राप्ति सुनिश्चित करायी जायेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को अपनी निगरानी मे उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराये जाने के आदेश दिए हैं।

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विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता के संबंध में फैसला सुनाया जाएगा। पिछले महीने विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल द्वारा 9 विधायकों की सदस्यता रद्द किये जाने से फिलहाल 71 विधायकों की क्षमता वाली विधानसभा की प्रभावी सदस्य संख्या घटकर 62 रह गई है जिसमें बहुमत साबित करने के लिये 31 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा। निलंबित विधानसभा के अध्यक्ष कुंजवाल ने इस संबंध में बताया कि 62 की प्रभावी सदस्य संख्या वाले सदन में अध्यक्ष को छोड़कर अन्य सभी 61 विधायक मतदान में हिस्सा लेगे और बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के लिये 31 विधायकों का समर्थन जरूरी होगा।

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उन्होने बताया कि मतदान में सदन में एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत किये गये विधायक आर वी गार्डनर भी भाग लेंगे। विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 27 है जबकि भाजपा के पास 28 विधायक हैं । कांग्रेस के पास अपने 27 विधायकों के अलावा छह सदस्यीय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा तथा एक मनोनीत विधायक का भी समर्थन है।