उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को विश्वासमत के दौरान दो विधायकों ने खासी सुर्खियां बटोरीं। ये थे- कांग्रेस विधायक रेखा आर्य और भाजपा विधायक भीम लाल आर्य। दोनों विधायक अपनी-अपनी पार्टी से बागी हो गए।
रेखा आर्य
कांग्रेस विधायक रेखा आर्य उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के साथ विधानसभा पहुंचीं। वह हंसते हुए वहां से निकलीं और उन्होंने विक्टरी साइन भी दिखाया। पिछले कुछ दिनों से वह कांग्रेस खेमे से दूर थीं। कांग्रेस नेताओं ने उनसे संपर्क करने के प्रयास किए लेकिन रेखा की ओर से कोई जवाब नहीं आया। हालांकि रेखा ने पहली बार पार्टी नहीं बदली हैं। 2012 में जब उन्हें सोमेश्वर से टिकट नहीं मिला था तब भी उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और हार झेलनी पड़ी। एक साल बाद वह भाजपा में शामिल हो गई। फिर उन्होंने अल्मोड़ा से लोकसभा सीट की दावेदारी की। लेकिन भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने वाले अजय टमटा को खड़ा किया। टिकट न मिलने से नाराज होकर वह 2014 में फिर से कांग्रेस में चलीं गई। सोमेश्वर उप चुनाव में जीत दर्ज कर वह विधानसभा पहुंचीं।
भीम लाल आर्य
भीम लाल आर्य टिहरी जिले की घांसली सीट से पहली बार विधायक बने हैं। छह महीने पहले भाजपा ने उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की थी। उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया, ‘वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इसलिए हमने उन्हें सस्पेंड किया था। दो साल से हरीश रावत उन्हें ढाल की तरह उपयोग कर रहे हैं।’ आर्य ने रावत की सार्वजनिक तौर पर विधानसभा में भी तारीफ की। विश्वासमत से कुछ दिन पहले भाजपा ने उनसे संपर्क का प्रयास किया। साथ ही आरोप लगाया कि कांग्रेस उन्हें बोलने नहीं दे रही। एक भाजपा नेता ने कहा,’वे हरीश रावत के कब्जे में हैं। वे उन्हें कॉर्बेट नेशनल पार्क ले गए। दो लोग हमेशा उनके साथ होते थे।’ भीम लाल मंगलवार को विश्वासमत के लिए अकेले आए।
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