योग गुरु बाबा रामदेव के दरगाह पिरान कलियर जाने को लेकर संत समाज में रोष देखने को मिल रहा है। वहीं इस रोष के बीच बाबा रामदेव ने चुप्पी तोड़ते हुए सफाई दी है। उन्होंने दो ट्वीट के जरिए अपन बात कही है। रामदेव ने कहा कि हिंदू विरोधी उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। मैं जन्म से ही पाखंड व अंधविश्वास का घोर विरोधी हूं।

यति नरसिंहानंद ने बताया हिंदू धर्म के खिलाफ: खबर के मुताबिक हाल ही में दिल्ली से वापस उत्तराखंड लौटते समय बाबा रामदेव पिरान कलियर दरगाह गये थे। कहा जा रहा है कि यहां उन्होंने चादर चढ़ाई और दुआ मांगी। इसको लेकर हरिद्वार के संतों की तरफ से विरोध किया जा रहा है।

जूना अखाड़े के महामंडेलश्वर यति नरसिंहानंद ने दावा किया था कि रामदेव आर्य समाज के संत माने जाते हैं, उनका दरगाह पर ऐसे जाना हिंदू धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ है। बता दें कि बाबा रामदेव को आर्य समाज से बहिष्कृत करने की मांग उठी है।

योग गुरु ने तोड़ी चुप्पी: तमाम विरोधों के बीच बाबा रामदेव ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ट्वीट में लिखा, “मैं जन्म से ही पाखंड व अंधविश्वास का घोर विरोधी हूं, वेदधर्म व ऋषिधर्म के अनुरूप आचरण करना ही अपना संन्यासधर्म व सनातनधर्म मानता हूं, मुझसे प्रेम करने वाले कर्नाटक के दो सज्जन पिरान कलियर गए थे, कुछ लोग ईर्ष्या व षडयंत्रपूर्वक मुझे बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।”

वहीं एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, “हिंदू विरोधी लोग दुष्प्रचार व षड्यंत्र करें,यह तो समझ में आता है, लेकिन अपने ही लोग अपनों से बैर विरोध करें तो बहुत आश्चर्य होता है, ईश्वर हम ऋषियों की संतानों को संगठित रहने व प्रीतिपूर्वक जीने का आशीर्वाद दें।”

बता दें कि दरगाह जाने को लेकर यति नरसिंहानंद ने दावा किया था कि बाबा रामदेव ने सनातन धर्म के साथ गद्दारी की है। मैं उन्हें दयानंद सरस्वती जी का प्रचारक मानता था। लेकिन मेरी नजर में उनकी छवि धुमिल हुई है। यदि वो कब्र पूजा के लिए चले गये हैं तो उन्होंने सनातन धर्म के साथ गद्दारी की है।