नोएडा में बहुप्रतीक्षित जेवर हवाई अड्डे का निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने स्विस फर्म AG इंटरनेशनल को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की सुरक्षा अनुमति को हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने एक ट्वीट के जरिए इस बात की घोषणा की।
उन्होंने लिखा, ‘इस बात को साझा करते हुए प्रसन्न हूं कि जेवर में नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा के विकास के उद्देश्य से स्विस फर्म ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशन एजी को सुरक्षा अनुमति मिल गयी है। यह फर्म 29 नवंबर को दिल्ली के बाहरी क्षेत्र में स्थित जेवर में बनने जा रहे इस हवाई अड्डे के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाली फर्म के रूप में उभरी थी।बीडिंग के दौरान इस कंपनी ने अडाणी इंटरप्राइजेज, डीआईएएल और एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट होल्डिंग की बोलियों को पीछे छोड़ दिया था।
इस परियोजना से संबद्ध गौतमबुद्ध नगर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कार्य को शुरू करने की प्रक्रिया के तहत फर्म ने केन्द्रीय ग्रह मंत्रालय को सुरक्षा अनुमति के लिए आवेदन दिया था। अधिकारियों के अनुसार यह हवाई अड्डा 5000 हेक्टेयर में बनाया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत करीब 29560 करोड़ रूपये होगी।
इससे पहले प्रदेश सरकार के प्रवक्ता, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि जेवर में बनने वाले ‘नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट’ के निर्माण के लिये प्राप्त निविदा में सबसे उपयुक्त पेशकश रखने वाली कम्पनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को चुना गया। राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। उन्होंने बताया कि हवाईअड्डे के लिये चार निविदाएं आयी थीं। उसके औसत भारांक के आधार पर ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को चुना गया है। कंपनी ने सरकार को प्रति यात्री 400.97 रुपये देने का प्रस्ताव रखा है जो सबसे ज्यादा है।
सिंह ने बताया कि हमारा अनुमान है कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अगले साल फरवरी तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें शुरुआती निविदा बोली के दौरान किये गये संशोधनों के बाद तकनीकी दक्षता या वित्तीय निविदा प्रक्रिया में एक भी संशोधन की जरूरत नहीं पड़ी।