उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का निर्माण कार्य 5 जून को पूरा हो जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने यह जानकारी दी। राम मंदिर निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों पर नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि टीम वर्क ने हमें सभी चुनौतियों का समाधान दिया है। हम हर दिन चुनौतियों का सामना करते हैं और उनका समाधान ढूंढते हैं।
नृपेंद्र मिश्र ने कहा, “मैं न्यास को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने आर्थिक बाधाओं को आड़े नहीं आने दिया। इंजीनियरिंग और डिजाइन एक चुनौती थी, क्योंकि हमसे एक ऐसा मंदिर बनाने की उम्मीद थी जो अगले 1000 सालों तक किसी भी तरह की आपदा को झेल सके।”
नृपेंद्र मिश्र ने आगे कहा कहा, “मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, श्री वशिष्ठ जी, अहिल्या जी, निषादराज महाराज, शबरी माता और अगस्त्य मुनि के मंदिर भी 5 जून के बाद आम लोगों के लिए खोल दिए जाएंगे। राम दरबार और मंदिर के परकोटे पर बने छह मंदिरों की पूजा 5 जून को की जाएगी। चंपत राय जी 5 जून के लिए विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। राम मंदिर के सपने को साकार करने का श्रेय पीएम मोदी को जाता है। राम मंदिर के निर्माण के पूरा होने के दिन यानी 5 जून के एक या दो दिन बाद श्रद्धालु परिसर में स्थित सभी मंदिरों में दर्शन के लिए जा सकेंगे।”
राम मंदिर में किसकी-किसकी मूर्तियों की होगी स्थापना?
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पहले ही बताया था कि इसमें संत तुलसीदास की मूर्ति स्थापित हो चुकी है। उन्होंने कहा था, “कुल 18 मूर्तियां जयपुर से आनी हैं। सप्तमंडप की महर्षि बाल्मीकि, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या आदि की मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। वस्त्राभूषण बन रहे हैं और परकोटे के अन्नपूर्णा, हनुमान जी, शिव समेत सभी छह मंदिरों के विग्रह भी आने हैं और शेषावतार मन्दिर में अभी समय है। अप्रैल तक टावर क्रेन हट जाएगी तब उत्तर, दक्षिण में अधूरे छोड़े गए परकोटे का निर्माण होगा।”
राम मंदिर के टैक्स से भर गया सरकार का खजाना
अयोध्या के राम मंदिर से सरकार की भी खूब कमाई हो रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पिछले 5 सालों में सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये का टैक्स दिया है। चंपत राय ने पिछले महीने कहा था कि 5 फरवरी 2020 से लेकर 5 फरवरी 2025 के बीच सरकार को 400 करोड़ रुपये का टैक्स दिया गया।चंपत राय ने कहा था कि 270 करोड़ रुपये जीएसटी के माध्यम से सरकार को दिए गए जबकि 130 करोड़ रुपये अन्य टैक्स के तहत दिए गए। इस 130 करोड़ में लेबर सेस, बीमा और टीडीएस शामिल है।
चंपत राय ने बताया था कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा था कि अयोध्या का राम मंदिर एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। महाकुंभ के दौरान 1.26 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आए थे। ट्रस्ट का वित्तीय रिकॉर्ड CAG द्वारा ऑडिट किया जाता है।