उत्तर प्रदेश कांग्रेस में पार्टी ने एक बड़ा बदलाव करते हुए अजय राय को अध्यक्ष चुना है। उनके कार्यभार संभालने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी के इस संदेश को समझने का प्रयास कर रहे हैं। अजय राय ने बृजलाल खाबरी की जगह ली है जिन्हें इस पद के लिए प्रियंका गांधी की पसंद माना जाता रहा है, लेकिन केवल 10 महीने बाद ही बृजलाल खाबरी को अपनी जगह छोड़नी पड़ी है। पार्टी के इस फैसले से अटकलें इस बात की लगाई जा रही हैं कि यह प्रियंका गांधी और उनकी टीम के लिए बाहर के रास्ते का एक संकेत है और प्रदेश कांग्रेस में कुछ बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 

अटकलें क्या हैं? क्या यूपी में विफल रही हैं प्रियंका गांधी? 

 प्रियंका गांधी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए यूपी में बड़ा अभियान चलाया था लेकिन कांग्रेस के केवल दो सीटों पर सिमटने के बाद से वह लगभग गायब दिखाई दी हैं। 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के एक नेता का कहना है,”अजय राय को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने राहुल और प्रियंका गांधी दोनों की मुहर के साथ नियुक्त किया है। 24 अगस्त को उनके शामिल होने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनकी नियुक्ति में किसका खेमा प्रभावशाली रहा है, क्योंकि वे मंच पर उनके बगल में खड़े नजर आएंगे, लेकिन हमें उम्मीद है कि प्रियंका जी की टीम का अब यूपी मुख्यालय पर दबदबा रहने की संभावना नहीं है। 

अजय राय को चुनने के पीछे खास वजह 

अजय राय एक भूमिहार नेता हैं, उनकी छवि काफी मजबूत और आक्रामक नेता की है। पार्टी के लोगों की मानें तो वह पहले के अध्यक्षों की तरह  लचीले नहीं होंगे और उन पर दबाव डाला जाना आसान नहीं होगा। कहा जा रहा है कि लंबे अंतराल के बाद राय प्रदेश अध्यक्ष पद पर पहला मजबूत चेहरा होंगे। 

पार्टी के एक नेता के मुताबिक,“दिग्विजय सिंह की पसंद राय, राहुल गांधी की कार्यशैली में अधिक फिट बैठते हैं। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पिछले नेताओं के उलट उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में काम करने के लिए अपनी टीम बनाने की खुली छूट दी जाएगी।