उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून लाने की बात कही है। जिस पर विपक्षी पार्टियों ने उनकी आलोचना शुरू कर दी है। एक टीवी डिबेट कार्यक्रम के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि ‘अभी योगी सरकार कानून नहीं लायी है लेकिन सीएम पहले ही अपने संबोधन के जरिए हिंसक हो रहे लोगों को एक तरह से खुली छूट दे रहे हैं।’

दरअसल आजतक चैनल पर हुई डिबेट के दौरान एंकर ने अलका लांबा से सवाल किया कि अगर धोखे से शादी करने की घटनाओं पर अंकुश लग जाए तो क्या बुराई है? इस पर अलका लांबा ने जवाब देते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया जाना स्वीकार्य नहीं है लेकिन इसे सिर्फ मुस्लिमों से जोड़कर देखा जा रहा है। अलका लांबा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे हमारे तंत्र के ताने-बाने को कहीं नुकसान पहुंचाते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि योगी सरकार अभी कानून नहीं लायी है लेकिन कह रहे हैं कि राम नाम सत्य हो जाएगा। इस तरह आप उन लोगों को छूट दे रहे हैं, जो पहले से ही हिंसक हैं। सरकार कानून बनाने की बात कर रही है लेकिन अभी तक सरकार के पास इसे लेकर कोई ब्लूप्रिंट तैयार नहीं है।

बता दें कि शनिवार को जौनपुर में विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार करते समय अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि सिर्फ शादी-ब्याह के लिए धर्म परिवर्तन को मान्यता नहीं दी जाएगी। इसलिए हमारी सरकार लव जिहाद को सख्ती से रोकने के लिए कानून बनाएगी।

योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि जो लोग नाम या अपनी पहचान छिपाकर बहन-बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, उन्हें मेरी चेतावनी है कि अगर वह नहीं सुधरे तो अब ‘राम नाम सत्य’ की यात्रा निकलने वाली है।

बता दें कि योगी आदित्यनाथ के लव जिहाद पर दिए बयान का समर्थन करते हुए हरियाणा सरकार ने भी इस मसले पर कानून बनाने पर विचार करने की बात कही है। हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने कहा कि ‘योगी आदित्यनाथ जो कहते हैं, सच कहते हैं। बच्चियों को बचाने के लिए लव जिहाद का इलाज करना जरूरी है। इसके लिए चाहे कानून बनाया जाए या फिर कुछ और किया जाए।’