भारत पर लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान की ओर से हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं में तेजी आ गई है। इसी कड़ी में अमेरिका की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) इस पूरे घटनाक्रम पर गंभीरता से नजर बनाए हुए हैं और चाहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव जल्द खत्म हो। पाकिस्तान ने दूसरे दिन भी कायराना हरकत करते हुए आ नागरिकों को निशाना बनाया

अमेरिका ने तनाव कम करने की वकालत की

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने प्रेस वार्ता में कहा, “यह कुछ ऐसा है जिसमें हमारे विदेश मंत्री और अब एनएसए मार्को रुबियो (Marco Rubio) भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि वे चाहते हैं कि यह तनाव जल्द से जल्द कम हो।”

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कैरोलिन ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प इन दोनों देशों के आपसी मतभेदों को समझते हैं और जानते हैं कि यह कोई आज की स्थिति नहीं, बल्कि दशकों पुरानी जटिलता है। “हालांकि,” उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रम्प के भारत और पाकिस्तान दोनों के नेताओं से अच्छे संबंध हैं। वे चाहते हैं कि यह मुद्दा बातचीत और शांति के जरिए सुलझे।”

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राष्ट्रपति के निर्देश पर एनएसए मार्को रुबियो दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ लगातार संपर्क में हैं। व्हाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका इस संकट को कूटनीतिक रूप से हल करने के पक्ष में है और अगर जरूरत पड़ी तो और पहल भी की जा सकती है।

अमेरिकी रुख से यह संकेत जरूर मिला है कि वह भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है। पाकिस्तान के हमलों को लेकर अमेरिका की चुप्पी अब टूटी है, और ट्रम्प प्रशासन की सक्रियता को भारत के लिए कूटनीतिक समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है।

दूसरी ओर, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि अमेरिकी मध्यस्थता के प्रयास किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।