US-India Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय समझौतों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है। क्योंकि अमेरिकी उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्वित्जर (Trade Representative Rick Switzer) के नेतृत्व में एक अमेरिकी व्यापार दल (US Trade Team) अगले हफ्ते भारत आ रहा है। इस दौरे का मकसद दोनों देशों के बीच चल रहे मतभेदों को दूर करना है, ताकि दिसंबर के अंत से पहले लंबे समय से लंबित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर हस्ताक्षर किए जा सकें। घटनाक्रम से अवगत एक सूत्र ने यह जानकारी दी।

अमेरिका के मुख्य वार्ताकार स्वित्ज़र और ब्रेंडन लिंच (Switzer and Brendan Lynch), भारत के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने से पहले वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से मिलने की उम्मीद है। अमेरिका और भारत के बीच यह बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस साल फरवरी में हुई अमेरिका यात्रा के बाद शुरू हुई थी।

यह बैठक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा के तुरंत बाद हो रही है। उस दौरे में भारत और रूस ने फैसला किया था कि दोनों देशों के बीच व्यापार को 64 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 100 अरब डॉलर किया जाएगा और अपनी घरेलू मुद्राओं में व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों की यह यात्रा औपचारिक बातचीत का दौर नहीं है। उनका कहना है कि दोनों देशों के बीच मतभेदों को राजनीतिक स्तर पर सुलझाने की उम्मीद है। भारत ने पिछले महीने इस समझौते के लिए अमेरिका को अपना अंतिम प्रस्ताव भेज दिया था।

एक सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले एक महीने में भारतीय और अमेरिकी टीमों के बीच कोई तकनीकी बातचीत नहीं हुई है। साथ ही, वाणिज्य मंत्रालय की नाफ्टा (उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता) शाखा ने अब कनाडा के साथ होने वाले समझौते पर काम शुरू कर दिया है।

पिछले कुछ महीनों में भारत ने अमेरिका से तेल की खरीद बढ़ाई है। इसकी वजह से दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा मार्च के करीब 4 अरब डॉलर से बढ़कर 1.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वार्ता शुरू होने से पहले अमेरिका द्वारा उठाई गई चिंताओं में व्यापार घाटा भी शामिल था।

वाणिज्य सचिव अग्रवाल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत को उम्मीद है कि साल के अंत तक अमेरिका के साथ यह समझौता अंतिम रूप ले लेगा। उन्होंने कहा, “फ़ैसला होने में अब बहुत कम समय बचा है… यह फैसला कई स्तरों पर लिया जाएगा।” उनका कहना था कि अब बातचीत के लिए ज़्यादा मुद्दे नहीं बचे हैं और आगे बढ़ने के लिए सिर्फ़ एक राजनीतिक फैसला लेना होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 11 नवंबर को कहा था कि अमेरिका भारत पर लगाए गए टैरिफ कम करेगा और दोनों देश एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के करीब हैं। फिलहाल भारत दुनिया में सबसे ज्यादा, लगभग 50% टैरिफ का सामना कर रहा है, जिसकी वजह रूसी तेल की खरीद पर लगाया गया अतिरिक्त शुल्क है।

व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा, “अभी रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर बहुत ज्यादा टैरिफ लग रहा है, और भारत ने रूसी तेल का व्यापार बंद कर दिया है… अब इस टैरिफ को काफी कम किया जा रहा है। हम जल्द ही इसे और कम कर देंगे।”

यह भी पढ़ें- H1-B Visa आवेदकों की जांच प्रक्रिया सख्त, सार्वजनिक करने होंगे सोशल मीडिया अकाउंट

भारत में अमेरिकी राजदूत और दक्षिण व मध्य एशिया के लिए विशेष दूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप ने कहा था, “मुझे भरोसा है कि सर्जियो हमारे सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय रिश्तों में से एक भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने में मदद करेंगे। यह बहुत अहम बात है।”

ट्रंप ने कहा था, “भारत दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है और यह दुनिया का सबसे बड़ा देश है, जिसकी आबादी 1.5 अरब से ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं, और सर्जियो इसे और मजबूत बनाएंगे, क्योंकि उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री के साथ दोस्ताना रिश्ते बना लिए हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण संबंध है। भारत का तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग है और यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक अहम आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा साझेदार भी है।”

यह भी पढ़ें- इन 30 देशों के लोगों की अमेरिका में एंट्री होगी बैन, आतंकी हमले के बाद ट्रंप प्रशासन का कड़ा फैसला