US Clears 26/11 Convict Tahawwur Rana’s Extradition: मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा। अमेरिकी कोर्ट ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। एक तरह से ये भारत की बड़ी जीत है। अगस्त 2024 में एक अमेरिकी कोर्ट ने भारत-अमेरिकी प्रत्यर्पण संधि के अनुसार राणा के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया। निचली अदालत ने पिछले साल सिंतबर में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था।
कोर्ट ने शुक्रवार को उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज कर दी और इस बात पर सहमति जताई कि उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी पर 2008 में भारत को हिला देने वाले विनाशकारी आतंकवादी हमले में प्रमुख भूमिका निभाने का आरोप था। 64 साल के राणा को फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। इससे पहले 16 दिसंबर को अमेरिकी सरकार ने दलील दी थी कि याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए।
26/11 हमले में क्या थी राणा की भूमिका
मुंबई हमले की चार्जशीट में तहव्वुर राणा का नाम भी बतौर आरोपी के तौर पर दर्ज है। इसके मुताबिक, राणा आईएसआई और एलईटी का सदस्य है। इतना ही नहीं तहव्वुर राणा हमले का मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हैडली की मदद कर रहा था। राणा ने हेडली को जगहों की तलाश करने और लश्कर-ए-तैयबा को सैन्य सहायता उपलब्ध कराने में मदद की थी। कथित तौर पर मुंबई में हेडली के टोही मिशनों को वित्त पोषित किया गया। उसे हमले की बाराकियों के बारे में पता था, जिसमें ताज महल पैलेस होटल और दूसरी मंजिल की प्लानिंग भी शामिल थी।
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इतना ही नहीं उस पर मुंबई में नेशनल डिफेंस कॉलेज और चबाड हाउस पर हमले की साजिश रचने का भी आरोप है। उस पर 2005 में पैगंबर के कार्टून छापने वाले डेनिश अखबार जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमला करने की कभी न अंजाम दी गई साजिश का समर्थन करने का भी आरोप था। बता दें कि 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इस हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 60 घंटे से ज्यादा वक्त तक मुंबई की खास जगहों पर हमला किया था और लोगों की हत्या की थी।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा का जन्म 9 जनवरी 1961 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचावतनी क्षेत्र में हुआ था। उसने पाकिस्तान के कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल में पढ़ाई की। यहां पर उसकी दोस्ती मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंट डेविड हेडली से हुई। उसने पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कोर में कैप्टन के पद पर जनरल ड्यूटी फिजीशियन के रूप में काम किया। वह 1997 में अपनी पत्नी के साथ में कनाडा चला गया और जून 2001 में कनाडा की नागरिकता हासिल कर ली। फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम के कारोबार का मालिक था। इसके ऑफिस शिकागो और अन्य जगहों पर थे। पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक हेडली, राणा का करीबी दोस्त और मुंबई हमलों में सह-साजिशकर्ता था। राणा ने 2006 में हेडली को फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज के लिए मुंबई में एक ऑफिस बनाने में मदद की थी, जिसका इस्तेमाल हमले वाली जगहों की टोह लेने के लिए गया था। गोलियों से छलनी शरीर, थम रही थी सांसें, मगर आतंकी कसाब की पकड़ नहीं की ढीली पढ़ें पूरी खबर…