अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने पाकिस्तान को 8 एफ-16 फाइटर जेट बेचने की डील पर मुहर लगा दी है। 70 करोड़ डॉलर की डील के तहत अमेरिका को पाकिस्तान को लड़ाकू विमानों के अलावा रडार और बाकी इक्विपमेंट्स भी मुहैया कराएगा। अमेरिकी कानून के जानकारों का कहना है कि अगर संसद चाहे तो यह डील रुक सकती है और इसके लिए उनके सिर्फ 30 दिन हैं। दूसरी ओर ओबामा प्रशासन के इस फैसले से भारत नाराज हैं। विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत को तलब कर एफ-16 डील पर आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘हम पाकिस्तान को एफ 16 विमानों की बिक्री को अधिसूचित करने के ओबामा प्रशासन के निर्णय से निराश हैं। हम इस तर्क से असहमत हैं कि इस प्रकार हथियारों के हस्तांतरण से आतंकवाद से निपटने में मदद मिलती है।’ मंत्रालय ने कहा, ‘इस संबंध में पिछले कुछ वर्षों का रिकॉर्ड यह बात साबित करता है। विदेश मंत्रालय अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए अमेरिकी राजदूत को तलब करेगा।’
US Ambassador Richard Verma leaves South Block (Delhi) after being summoned by MEA. pic.twitter.com/XBeJzpJ3jJ
— ANI (@ANI_news) February 13, 2016
पाकिस्तान को हथियार देने के पीछे अमेरिका की डिफेंस सिक्युरिटी कोऑपरेशन एजेंसी ने तर्क दिया है कि ये फाइटर प्लेन उसे इसलिए दिए जा रहे हैं, ताकि वह अपनी रक्षा कर सके। सीनेट की फॉरेन रिलेशंस कमेटी के चेयरमैन सीनेटर बॉब कॉर्कर ने ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन से पहले कहा था कि वे पाकिस्तान को जेट्स बेचने के लिए अमेरिकी फंड का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। पाकिस्तान अगर लड़ाकू विमान चाहता है तो वह खुद के बूते खरीदे। अमेरिका इस डील की 46% कीमत नहीं चुकाएगा।
सीनेटर कॉर्कर ने अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी को पत्र लिखकर कहा था कि पाकिस्तान के रिश्ते हक्कानी नेटवर्क से हैं। इस वजह से पाकिस्तान को कोई हथियार नहीं बेचे जाने चाहिए।
रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ही दलों के प्रभावशाली सांसदों के बढ़ते विरोध के बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस को अधिसूचित किया है कि वह पाकिस्तान सरकार को एफ-16 विमान, उपकरण, प्रशिक्षण और साजोसामान से जुड़े सहयोग वाली विदेशी सैन्य बिक्री करने को मंजूरी दे रहा है। पेंटागन की शाखा रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अनुमानित कीमत 69.94 करोड़ डॉलर है। बयान में कहा गया कि यह प्रस्तावित बिक्री दक्षिण एशिया में एक रणनीतिक सहयोगी की सुरक्षा में सुधार में मदद करके अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के लक्ष्यों में अपना योगदान देती है। पेंटागन ने कहा कि इससे क्षेत्र में सामान्य सैन्य संतुलन प्रभावित नहीं होगा। प्रस्तावित बिक्री मौजूदा और भविष्य के सुरक्षा से जुड़े खतरों से निपटने में पाकिस्तान की क्षमता में सुधार लाती है।
यह एफ-16 विमान हर मौसम में, दिन-रात अभियान चलाने में मदद करेंगे, आत्म-रक्षा क्षमता प्रदान करेंगे और उग्रवाद रोधी एवं आतंकवाद रोधी अभियान चलाने की पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाएंगे। पेंटागन की एजेंसी ने कहा, ‘इससे पाकिस्तान वायु सेना के पास अभियान चलाने के लिए उपलब्ध विमानों की संख्या में वृद्धि होगी, मासिक प्रशिक्षण की जरूरतें पूरी होंगी और चालकों को ब्लॉक-52 के चालन के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी। पाकिस्तान को इन अतिरिक्त विमानों को अपनी वायुसेना में शामिल करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।’
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रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने कहा, ‘इस प्रस्तावित बिक्री का यह नोटिस कानून के तहत जरूरी है और इसका यह मतलब नहीं है कि बिक्री पूरी हो चुकी है।’ पहचान उजागर न करने की शर्त पर विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने अमेरिकी सरकार के फैसलों का बचाव किया है। अधिकारी ने कहा, ‘हम पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों की प्रस्तावित बिक्री का पूरा समर्थन करते हैं। यह मंच पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी और उग्रवादरोधी अभियानों में मदद करेगा और इसने अब तक इन अभियानों की सफलता में योगदान दिया है।’
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