भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रूस यात्रा पर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के बयान का धमकी भरा लहजा शायद कोई भूला नहीं होगा। दोनों देशों के बीच में थोड़ी अनबन भी है। अमेरिकी राजदूत एरिक ने कहा है कि भारत अपनी रणनीतिक आजादी को पसंद करता है लेकिन जंग के मैदान में इसका कोई मतलब नहीं है। उनके इस बयान पर भारत का जवाब देना भी बनता था। ऐसे में भारत की तरफ से अजित डोभाल ने अपने लहजे में जवाब दिया है। उन्होंने क्लियर कर दिया कि भारत के बिना अमेरिका का काम नहीं चलने वाला है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच में हुई बातचीत के बारे में सही से बताया है। इसमें कहा गया कि डोभाल और सुलविन ने शांति और वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर बात की है। इसका साथ ही यह भी कहा कि भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और भी आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। इस बयान में यह भी कहा गया कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने भारत और अमेरिका के संबंधों को और भी आगे बढ़ाने के लिए काम करने की तत्परता दोहराई।
प्रधानमंत्री के रूस दौरे से अमेरिका चिढ़ा
दोनों देशों के बीच में यह बात उस समय हुई है, जब अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने भारत के रूस संबंधों पर टिप्पणी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के बाद भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि आपस में जुड़ी दनिया में कोई भई युद्ध अब किसी से दूर नहीं है। ऐसे में देशों को ना सिर्फ शांति के लिए खड़ा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह तय करने के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए कि जो लोग शांति पूर्वक काम नहीं करते हैं, उन पर भी लगाम लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी रणनीतिक आजादी को पंसद करता है लेकिन जंग में मैदान में इसका कोई भी मतलब नहीं होता।
कुछ समय पहले ही भारत आए थे सुलेविन
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलेविन जून के महीने में ही भारत आए थे। उन्होंने एनएसए अजित डोभाल के साथ में मीटिंग भी की थी। इस मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर भी बात की गई थी। इसके अलावा अमिरेका के बड़े अधिकारियों ने अपनी यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।