कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच विवाद खत्म नहीं हो पाया है। किसान आंदोलन के डेढ़ महीने के बीच ही अब तक दर्जनों किसानों की अलग-अलग वजहों से जान जा चुकी है। इनमें से कुछ किसानों ने तो विवाद न सुलझने के कारण ही सुसाइड भी कर लिया। ताजा मामला दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर का है। यहां प्रदर्शनस्थल पर एक 75 वर्षीय बुजुर्ग की लाश मिली है। बुजुर्ग के पास से एक नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने सरकार के साथ अगली बातचीत का हल न निकलने पर प्रदर्शनस्थल पर ही अंतिम संस्कार की आखिरी इच्छा रखी है।
प्रदर्शनकारियों के बीच जिस बुजुर्ग का शव मिला है, उनका नाम कश्मीर सिंह लाडी बताया गया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया गया है कि लाडी की लाश प्रदर्शनस्थल के टॉयलेट से मिली थी। उनके साथ एक नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। नोट में लिखा है, “कब तक हम सर्दी में बैठेंगे, यह सरकार सुन नहीं रही, इसलिए जान दे रहा हूं ताकि कोई हल निकल सके। मेरा अंतिम संस्कार यहीं कर देना।”
लाडी के कथित सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उनका अंतिम संस्कार प्रदर्शनस्थल पर उनके पोते ही करेंगे। फिलहाल यह सुसाइड नोट पुलिस के पास ही है। जानकारी के मुताबिक, लाडी का बेटा और पोते, जो कि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनों में शामिल थे, वे उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित बिलासपुर के रहने वाले हैं।
प्रदर्शनस्थल पर हुए एक और मौत को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार किया। उन्होंने चिट्ठी की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट कर लिखा, “करनाल (हरियाणा) से संत बाबा राम सिंह व फाजिल्का (पंजाब) से अमरजीत सिंह के बाद बिलासपुर (उत्तराखंड) के किसान कश्मीर सिंह द्वारा किसान आंदोलन में प्राणों की आहुति के समाचार से मन बेहद व्यथित है। निष्ठुर सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ते हुए 3 काले कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए।”
कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को टैग कर निशाना साधा। पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, “दामन पे कोई छींट न खंजर पे कोई दाग, तुम कत्ल करो हो कि करामात करो हो?” इसके अलावा कुछ अन्य नेताओं ने भी केंद्र सरकार पर तंज कसा है।

