पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी के कार्यालय नबाना तक मार्च करते हुए रैली करने के दौरान लेफ्ट कार्यकर्ताओं और छात्रों के समूहों से पुलिस की झड़प हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों आगे बढ़ने से रोका तो वे हंगामा करने लगे। इस पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया और वाटर कैनन से पानी की तेज बौछारें कीं। प्रदर्शनकारी सीएम के कार्यालय का घेराव करना चाहते थे। इस बीच लेफ्ट फ्रंट ने इसके विरोध में शुक्रवार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंगाल बंद का आह्वान किया है। फ्रंट के चेयरमैन बिमान बोस ने बताया कि कोलकाता में नबाना मार्च के दौरान पुलिस ने पार्टी के सदस्यों की पिटाई की और उन पर वाटर कैनन चलाए गए।

इससे पहले कोलकाता पुलिस ने वामपंथी दलों और युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं, छात्रों को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर बैरिकेड की व्यवस्था की थी। कोलकाता के एसएन बनर्जी रोड और डोरिना क्रॉसिंग के जंक्शन पर दो-स्तरीय बैरिकेडिंग की गई थी। कार्यकर्ता और छात्रों का समूह नबन्ना के लिए मार्च कर रहे थे। उनकी मांग थी कि राज्य में उनको नौकरियां दी जाएं और उद्योग धंधों की स्थापना की जाए।

विरोध मार्च कॉलेज स्ट्रीट से शुरू हुआ, लेकिन एस्प्लेनेड क्षेत्र में एसएन बनर्जी रोड पर पुलिस ने उसे रोक दिया। जब प्रदर्शनकारी बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने वाटर कैनन से उन पर तेज बौछारें शुरू कर दी। ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वामपंथी युवाओं और छात्रों ने बैरिकेड पर दोबारा चढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन पर लाठियां चलानी शुरू कर दी तथा आंसू-गैस के गोले दागे।

वाम नेताओं ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई में कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। झड़पों में एक पुलिस अधिकारी को भी चोटें आई हैं। घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं।