उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रस्तावित विधेयक को लेकर छिड़ी बहस के बीच विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने भी विधेयक पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि एक बच्चे वाले नियम में फेरबदल की जरूरत है।

आलोक कुमार ने कहा कि हम जनसंख्या कानून लाने के सरकार के कदम का स्वागत करते हैं, क्योंकि जनसंख्या में बढ़ोतरी पूरे देश में एक विस्फोट की तरह है। पूरे समाज में जनसंख्या बढ़ोतरी को नियंत्रित करने को लेकर सहमति है। लेकिन उन्होंने बिल के दूसरे हिस्से को लेकर चिंता जताई है। आलोक ने कहा कि बिल का दूसरा हिस्सा हिंदू और मुस्लिम जनसंख्या अनुपात में असंतुलन पैदा करेगा। सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए। क्योंकि यह जनसंख्या में नकारात्मक वृर्द्धि को बढ़ावा देगा।

इधर सभी राजनीतिक दलों की तरफ से इसे लेकर बयानबाजी का दौर जारी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि ”कानून बनाने से पहले सरकार को बताना चाहिए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं।”पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अपनी पत्नी एवं पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद के साथ दो दिवसीय दौरे पर रविवार को फर्रुखाबाद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 जांच केंद्रों का आरंभ किया। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने से पहले यह सूचना देनी चाहिए कि उनके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं, उसके बाद विधेयक लागू करना चाहिए।”

संभल में समाजवादी पार्टी (सपा) के स्थानीय सांसद शकफिकुर रहमान बरक ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाने के उत्तर प्रदेश सरकार के कदम को चुनावी प्रचार करार देते हुए तंज किया कि इसके लिए शादियों पर प्रतिबंध लगाना बेहतर होगा ताकि बच्चे का जन्म ही न हो सके।

बताते चलें कि विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की बढ़ती आबादी और बच्चों एवं माताओं की मृत्यु दर को नियंत्रित करने तथा महिलाओं में सकल प्रजनन दर को 2026 तक 2.1 और 2030 तक 1.9 तक लाने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030’ की शुरुआत की।