प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश के बीएसपी के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ मनीलांड्रिंग के एक मामले में देहरादून में 74 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि कुर्क की है। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को इकबाल के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया था। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि पूर्व एमएलसी ने जालसाजी करके सरकारी धन में गोलमाल किया था।

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी के लखनऊ कार्यालय ने अचल संपत्ति कुर्क करने के लिए पीएमएलए के तहत एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है। ईडी के संयुक्त निदेशक ने इसकी पुष्टि की। ईडी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से इकबाल और अन्य के खिलाफ एसएफआईओ की तरफ से दायर एक आपराधिक शिकायत का संज्ञान लिया था। रेत-खनन और चीनी मिलों की बिक्री को लेकर सीबीआई के मामलों का संज्ञान लेने के बाद मनीलांड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

एजेंसी के मुताबिक चीनी मिलों को इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों को 2010-11 के दौरान कौड़ियों’ के भाव में केवल 60.28 करोड़ रुपये में बेचा गया था। उस समय उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार थी और मायावती मुख्यमंत्री थीं। हाजी इकबाल यूपी के सहारनपुर का रहने वाला है। इकबाल का सहारनपुर में एक कॉलेज भी है। वह कॉलेज भी सुर्खियों में बना था।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश मिलने के बाद सहारनपुर में सीबीआई की टीम ने पूर्व बसपा एमएलसी के आवास पर छापेमारी की थी। इसके अलावा उनके मिर्जापुर स्थित आवास पर सीबीआई की टीम ने रेड की। लखनऊ और उत्तराखंड के देहरादून में भी छापेमारी हुई। साल 2016 से सीबीआई की टीम उनके पीछे लगी थी।

बताया जा रहा है कि पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ मुखौटा कंपनियों और खनन से जुड़े कई गंभीर मामले चल रहे हैं, जिनकी विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही है। सीबीआई ने बसपा सरकार में बेची गई सरकारी चीनी मिलों के मामले में पूर्व एमएलसी के मिर्जापुर स्थित आवास पर छापेमारी की थी।