Uniform Civil Code: देश में इस वक्त समान नागरिक संहिता ((Uniform Civil Code) का मुद्दा छाया हुआ है। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सपा सांसद एसटी हसन ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। हसन ने कहा कि अगर पहली पत्नी की रजामंदी हो तो दूसरी शादी करने में क्या दिक्कत क्या है? उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर मुस्लिम पर्सनल लॉ को खत्म किया गया तो हम इसका विरोध करेंगे।
एसटी हसन ने कहा कि हमारा देश रंग-बिरंगे फूलों का गुलदस्ता है। जब देश आजाद हुआ था, उस वक्त कानून बना था और कहा गया था कि हर इंसान को अपने मजहब को फॉलो करने और अपने धर्म को आगे बढ़ाने की इजाजत होगी। यह संविधान में लिखा हुआ है।
शरीयत के कानून से किसी को तकलीफ क्यों: एसटी हसन
शरीयत का हवाला देते हुए सपा सांसद ने कहा कि हम शरीयत के कानून अगर अपने ऊपर लागू कर रहे हैं तो किसी को तकलीफ क्यों है? उन्होंने कहा कि इस्लाम वो पहला धर्म है, जिसमें महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति पर अधिकार दिया। जहां तक सवाल है दूसरी शादी नहीं कर सकते तो पूछता हूं, अगर किसी की पत्नी बीमार है या किसी के बच्चे पैदा नहीं होते तो पत्नी की इजाजत से दूसरी शादी करने में क्या दिक्कत है?
‘सरकार ने देश के अंदर बेहयाई का आम कर दिया’
एसटी हसन ने आगे कहा कि आपने (सरकार) हमारे देश के अंदर बेहयाई को आम कर दिया है। आपने लिव इन रिलेशनशिप होमोसेक्सुअलिटी को संवैधानिक दर्जा दे दिया तो आप किस मुंह से कह सकते हैं कि दूसरी शादी मत करो। ‘मेरा ही ऑब्जेक्शन है कि हम मुसलमान कुराने को फॉलो करते हैं। इससे किसी को कोई तकलीफ नहीं है। यह हमारे पर्सनल लॉ हैं। अगर इनको खत्म करेंगे तो इसका जबरदस्त विरोध करेंगे’।
UCC नहीं, 2024 की तैयारी है: एसटी हसन
सपा सांसद ने कहा कि यह यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं, 2024 की तैयारी है कि कैसे हिंदू-मुसलमान के बीच खाईं पैदा करें। इसकी होड़ मची हुई है कि कौन नेता कितना मुसलमानों को टॉर्चर कर लेगा। भारतीय जनता पार्टी में उसी हिसाब से वो उतना बड़ा नेता बनता है। यह बात अब मुस्लिमों को अच्छी तरह से समझ में आ गई है।