उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के खिलाफ अनिश्चितकालीन विरोध-प्रदर्शन कर रहे 19 लोगों के खिलाफ बुधवार (15 जनवरी, 2020) एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा 200 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। प्रदर्शन के आयोजकों में शामिल सारा अहमद (26) का नाम भी पुलिस एफआईआर में शामिल हैं। सभी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 144 के उल्लंघन के चलते खुलदाबाद पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते एक महीने से दिल्ली के शाहीनबाग में एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ महिलाओं का विरोध-प्रदर्शन शामिल हैं। इसी प्रदर्शन की तर्ज पर बीते रविवार को दोपहर बाद सैकड़ों महिलाएं प्रयागराज में नए कानून के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गईं।
पुलिस द्वारा दर्ज शिकायत के मुताबिक, ‘जब हम रविवार को मंसूर अली पार्क पहुंचे। वहां 60-70 महिलाएं और 200 से ज्यादा पुरुष नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। उनके हाथों में प्लेकार्ड भी थे। प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस बताया कि इलाके में धारा 144 लागू है इसलिए वो चले जाएं। मगर उन्होंने हमारी बात नहीं मानी।’
स्टेशन हाउस ऑफिसर रोशन लाल ने बताया कि अभी तक किसी भी प्रदर्शनकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्रदर्शन स्थल पर 300-400 लोग मौजूद थे। इसी बीच प्रदर्शन के आयोजकों में से एक सारा अहमद ने बताया कि प्रदर्शनकारी डरेंगे नहीं।
उन्होंने कहा, ‘हम अनिश्चितकाल तक या अपनी मांग पूरी होने तक यहां बैठे रहेंगे। सरकार सीएए वापस ले। शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना हमारा अधिकार है।’
बता दें कि देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने दस जनवरी को इस लागू कर दिया। इसके साथ ही नया कानून पूरे देश में प्रभावी रूप से लागू हो गया। गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस कानून को लागू करने की तारीख 10 जनवरी, 2020 की तारीख तय की है।