Uttar Pradesh News: लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उत्तर प्रदेश में जब बीजेपी ने राज्य में हुए नुकसान का रिव्यू किया तो पेपर लीक एक बड़ी वजह थी। कहा गया कि पेपर लीक की वजह से न सिर्फ उम्मीदवार बल्कि उनके परिवार भी खुश नहीं थे। यूपी में हुए कई पेपर लीक में से एक फरवरी में यूपी पुलिस भर्ती से संबंधित था। तब यूपी पुलिस भर्ती का पेपर एग्जाम से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यूपी पुलिस भर्ती मेंं 60,244 पदों के लिए 48 लाख युवाओं ने अप्लाई किया था।

यूपी पुलिस भर्ती के लिए इस समय राज्य के 75 जिलों में से 67 में एग्जाम चल रहा है। 22  अगस्त से शुरू हुआ यह एग्जाम 31 अगस्त तक चलेगा। इस एग्जाम के दौरान पेपर देने आए युवाओं को कम से कम समस्या हो, इसके लिए RSS भी आगे आया है। RSS ने यूपी पुलिस भर्ती का पेपर देने आए परीक्षार्थियों और उनके साथ आए परिजनों के लिए निःशुल्क आवास एवं भोजन की व्यवस्था की है।

कैंडिडेट्स को गाइड करने के लिए RSS ने रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के बाहर हेल्प डेस्क लगाई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कॉन्टेक्ट डिटेल्स के अलावा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की जा रही है। RSS के एक पदाधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि कैंडिडेट्स की भारी भीड़ को देखते हुए संघ ने व्यवस्थाएं की हैं। उन्होंने कहा कि सभी कैंडिडेट होटलों में नहीं रुक सकते। कैंडिडेट्स को रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म्स पर भी सोते देखा गया है। RSS ने उनकी सुविधा को देखते हुए उनके रुकने की व्यवस्था की हैं।

संघ के कौन से संगठन कर रहे व्यवस्था?

संध के पदाधिकारियों ने बताया कि RSS से जुड़े संगठन सेवा भारती और विद्यार्थी कार्य विभाग ने कैंडिडेट्स और उनके साथ आ रहे लोगों के रुकने की व्यवस्था RSS दफ्तरों और सरस्वती शिशु मंदिरों के हॉस्टलों में की। इसके अलावा महिला उम्मीदवारों के लिए रुकने की अलग व्यवस्था की गई।

उदाहरण के तौर पर गोरखपुर में सेवा भारती ने तीन स्कूल कैंपसों में कैंडिडेट्स के रुकने की व्यवस्था की। इनमें एक स्कूल में महिलाओं और दो में पुरुष कैंडिडेट्स को ठहराया गया। जिन महिला कैंडिडेट्स के साथ उनके परिवार के पुरुष सदस्य आए थे, उन्होंने कार्यकर्ताओं के घर पर ठहराया गया।

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उम्मीदवारों को घरों और स्कूलों में रोकने से पहले संघ के कार्यकर्ता उनके एडमिट कार्ड और पहचान पत्र देख रहे थे। इतना ही नहीं, संघ के कार्यकर्ता कैंडिडेट्स की प्रमाणिकता का सत्यापन करने और उन्हें नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराने के लिए रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी तैनात थे।

लखनऊ में संघ की तरफ से कैंडिडेट्स के रुकने की व्यवस्था पांच जगहों पर की गई थी औऱ चारबाग रेलवे स्टेशन पर हेल्प डेस्क लगाया गया था। पूर्वी यूपी के लिए RSS के प्रचार प्रमुख सुभाष ने कहा कि जिन-जिन शहरों में एग्जाम हुआ, वहां रुकने की व्यवस्थाएं, रिफ्रेशमेंट और फूड पैकेट्स का इंतजाम किया गया। इन शहरों में लखनऊ, अयोध्या, काशी, प्रयागराज और कानपुर शामिल है। ये सभी व्यवस्थाएं पूरी फ्री हैं। महिला उम्मीदवारों के लिए स्कूल कैंपसों में अलग व्यवस्थाएं की गई थीं।

क्या पेपर लीक से हुए नुकसान की भरपाई के लिए जमीन पर उतरा संघ?

जब पूर्वी यूपी के लिए RSS के प्रचार प्रमुख सुभाष से सवाल किया गया कि क्या ये सब पेपर लीक की वजह से हुए डैमेज को कंट्रोल करने के लिए किया गया था तो उन्होंने कहा कि इसका चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। संघ चुनाव को दिमाग में रखकर काम करता है, हम समाज के लिए काम करते हैं। संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि यह संघ के सामाजिक कार्य का हिस्सा है। निश्चित ही संघ लोगों के बीच जाता है तो इसका फायदा बीजेपी को होता है।

सुभाष ने कहा कि आरएसएस ने फरवरी में फरवरी में भी ऐसे ही इंतजाम किए थे लेकिन तब इतनी पब्लिसिटी नहीं की। उन्होंने कहा कि इस बार सोशल मीडिया, व्हाट्स ऐप ग्रुप्स के जरिए जानकारी सर्कुलेट की गई थी।

गोरखपुर में सेवा भारती के पदाधिकारी अभिजीत ने कहा कि पुरुष कैंडिडेट्स को सरस्वती शिशु मंदिर के दो कैंपसों में रोका गया था जबकि महिला कैंडिडेट्स के लिए गर्ल्स हॉस्टल की व्यवस्था की गई थी। पहले हमने हर कैंपस में दो सौ से ज्यादा कैंडिडेट्स के रुकने के लिए व्यवस्था की थी लेकिन भीड़ को देखते हमने प्रतिदिन 250 कैंडिडेट्स रोके।