उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार (5 फरवरी, 2020) को देशद्रोह के आरोप में 19 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। ये लोग आजमगढ़ के एक पार्क में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पुलिस ने बताया कि जो लोग गिरफ्तार किए गए उनका नाम उन 35 लोगों में था जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इनमें एक महिला मन्नी बानो भी शामिल हैं, जिन्हें दिल का मरीज होने के चलते छोड़ दिया गया।
पुलिस के मुताबिक बाकी सभी गिरफ्तार लोगों को जेल भेज दिया गया। इसी बीच महिला प्रदर्शनकारियों सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर पथराव किया और घटना स्थल पर लाठीचार्ज किया। हालांकि पुलिस ने लाठीचार्ज से इनकार किया लेकिन स्वीकार किया कि कासिमगंज इलाके में जौहर आली पार्क में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया था।
मामले में बिलरियागंज पुलिस स्टेशन के अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया, ‘बुधवार सुबह छह आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया। वहां लाठीचार्ज नहीं किया गया। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और पार्क में बैठी महिलाओं पर भी पत्थर फेंके। इसके बाद आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। पार्क के पास इकट्ठा हुए लोगों द्वारा पथराव किए जाने से महिलाएं आहत हो गईं थीं।’
हालांकि मंगलवार दोपहर बाद पार्क में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस ने सुबह चार बजे पार्क को चारों तरफ से घेर लिया और आसपास खड़े बच्चों और पुरुषों को पीटा। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जब महिलाओं ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया तो उनपर पत्थर बरसाए गए।
एक 45 वर्षीय महिला प्रदर्शनकारी ने बताया, ‘लड़कों और पुरुषों को पकड़ लिया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद हम पर लाठीचार्ज किया गया। कुछ महिलाओं को चोटें भी आईं हैं।’ महिला ने दावा किया कि इस दौरान पुलिस ने सांप्रदायिक शब्दों का इस्तेमाल किया और भद्दी गालियां दीं। प्रदर्शनकारी महिला ने डर के चलते अपनी पहचान सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पार्क खाली कराने के बाद वहां पानी भर दिया।
हालांकि पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि प्रदर्शन में मौजूद महिलाओं और बच्चों को आगे खड़ा कर रखा था, उनके हाथ में लाठिया और पत्थर थे, जो कि एक साजिश का हिस्सा था। बयान में आगे कहा गया, ‘प्रदर्शनकारी सरकार और देश के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। वो कह रहे थे कि छीनकर लेंगे आजादी…किसी भी हाल में लेंगे आजादी। वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे।’
उल्लेखनीय है कि पूरे घटना क्रम में कम से कम एक महिला सरवरी बानो (65) बुरी तरह घायल हुई हैं। उनके बेटे बिलाल ने बताया, ‘मेरी मां को गंभीर चोटें आईं और उनका ऑपरेशन भी हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि उनके दिमाग में चोट लगी है। हम पार्क के बराबर में ही रहते हैं और बाहर का घटनाक्रम देखने के लिए जैसे ही मां बाहर निकलीं, घायल हो गईं। मुझे नहीं मालूम कि उन्हें पत्थर किसने मारा।’ हालांकि बिलाल ने बताया कि उनकी मां अब खतरे से बाहर हैं।
