उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में छात्राओं के एक कमरे में कपड़े बदलने के दौरान सीसीटीवी कैमरे के जरिए उनका वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। इस केस में मदरसे के एक कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, मदरसे के अधिकारियों ने छात्राओं के अभिभावकों की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। बता दें कि इन लड़कियों ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
इस मामले में सोमवार को शिकायत की गई, हालांकि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। संपर्क करने पर मदसे के प्रिंसिपल शाहिद अली ने कहा कि 2002 में स्थापित इस संस्थान की छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाए गए हैं। प्रिंसिपल ने कहा, ‘शिकायत में जिन 15 स्थानीय निवासियों के दस्तखत बताए गए हैं, उन्होंने कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी भी चिट्ठी पर साइन नहीं किए। मैंने भी सीसीटीवी फुटेज चेक किए हैं और इनमें कुछ नहीं है।’
अली ने आगे कहा, ‘चूंकि स्वतंत्रता दिवस के दिन कक्षाएं नहीं लगी थीं, मदरसे के कमरों में लगे कैमरों को ढक दिया गया था। हमने प्रतिभागियों को दो कमरे दिए थे। यह शिकायत करीब एक हफ्ते बाद की गई है।’ इस बारे में जब कुशीनगर के सर्किल ऑफिसर रामदास प्रसाद से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि आरोपों की पुष्टि होना अभी बाकी है। उन्होंने कहा, ‘जांच चल रही है। हमने पूछताछ के लिए एक शख्स को हिरासत में लिया है।’

