पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल और खासतौर से राजधानी दिल्ली के आसपास के इलाकों में इन दिनों भयानक प्रदूषण फैला हुआ है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री सुनील भराला ने एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने पराली जलाने को प्राकृतिक व्यवस्था करार देते हुए सरकार से प्रदषण से निपटने के लिए यज्ञ कराने की अपील की।

ये है भराला का पूरा बयानः भराला ने कहा, ‘पराली का मतलब सीधा है कि यह किसानों पर हमला है। किसान परिवारों में जन्मे लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि गन्ना छीले तो उससे पत्ती निकलती है, चाहे दालें छिलने के बाद जो कचरा बचता है उसे क्या करें? उसे जलाना पड़ता है। हालांकि इससे ज्यादा प्रदूषण नहीं होता है, यह तो किसान का प्राकृतिक सिस्टम है। उसको लेकर जो हमला हो रहा है वो बिल्कुल दुखद है। इस पर विचार करना चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि जितना विचार इस मसले पर किया जा रहा है तो हमारे गांवों में जो यज्ञ करने की परंपरा थी, उसे ध्यान में रखा जाए। सरकार भी यज्ञ करे और इंद्र देवता को मनाए। वो बरसात करेंगे और अपने आप ही सब ठीक हो जाएगा।’

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दिल्ली-यूपी में यूं बिगड़े हालातः गौरतलब है कि समूचे उत्तर भारत में प्रदूषण से हालात बेहद खराब हैं। उत्तर प्रदेश के आठ शहरों में भी स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। इनमें नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, बुलंदशहर भी शामिल हैं। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की बड़ी वजह हरियाणा और पंजाब में किसानों के पराली जलाने को बताया जा रहा है। नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 1600 के पार जा चुका है, जबकि सामान्य स्थिति 0-50 के बीच होती है। यानी सामान्य स्थिति के मुकाबले प्रदूषण 32 गुना खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

एक-दूसरे पर दोष मढ़ रहीं सरकारेंः प्रदूषण को लेकर राज्यों की सरकारें एक-दूसरे पर दोष मढ़ रही है और स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। ऐसे में एनजीटी समेत कई संस्थाएं तत्काल कदम उठाने की मांग कर चुकी हैं। दिल्ली में प्रदूषण के चलते विजिबलिटी बेहद कम हो गई है और इसके चलते इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 32 उड़ानों को डायवर्ट कर दिया गया है।