उत्तर प्रदेश में पुलिस अक्सर अपने अजीबो-गरीब कार्यों को लेकर चर्चा में बनी रहती है। ताजा मामला फिरोजाबाद का है, जहां पुलिस घोड़े की जगह लाठी पर सवार होकर भागे जा रही है। इस वीडियो के सामने आने के बाद सभी भौंचक्के रह गए कि आखिर पुलिस क्या दर्शाना चाह रही है। लेकिन, बाद पुलिस ने खुद स्पष्ट किया कि मॉक-ड्रिल के तहत पुलिस प्रतीकात्मक रूप से घोड़े के जरिए भीड़ को नियंत्रित कर रही है और इसमें इसमें इस्तेमाल लाठी, दरअसल घोड़े का रोल अदा कर रही है।

इस मॉक ड्रिल को लेकर नगर के अपल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अयोध्या फैसले को देखते हुए पुलिस अपनी तैयारी कर रही है। इसके लिए टीयर गैस, लाठीचार्ज और बलवाइयों से निपटने के तौर तरीकों का अभ्यास किया गया। हालांकि, पुलिस द्वारा सांकेतिक रूप से लाठी का घोड़े के रूप में इस्तेमाल पर सोशल मीडिया पर यूजर्स बरस पड़े और पुलिस की आलोचना शुरू कर दी। एक यूजर ने पूछा, ” अयोध्या फैसले को देखते हुए दंगा-विरोधी अभ्यास पुलिस ने किया। गंभीर सवाल- कोई बताएगा कि क्या चल रहा है? यह ड्रिल आखिर क्या है?

हालांकि, जैसे ही सोशल मीडिया पर इस वीडियो का मजाक बनने लगा। पुलिस ने तुरंत रिस्पॉन्स करते हुए ट्वीट किया और बताया कि बलवा ड्रिल अभ्यास के दौरान दंगाइयों से निपटने के लिए घुड़सवार पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है। लेकिन, जनपद में घुड़सवार पुलिस नहीं होने की वजह से इसका प्रतिकात्मक रूप से डिमॉन्सट्रेशन किया गया। लेकिन, यूजर्स ने पुलिस के इस तर्क का भी मजाक उड़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।

ऐसा पहली बार नहीं है कि यूपी पुलिस इस तरह के कामों से चर्चा में रहती है। पहले भी कई जिलों में मॉक-ड्रिल के दौरान बंदूक से फायर नहीं होने और बदमाशों को डराने के लिए मुंह से ही ‘ठांय-ठांय’ की आवाज निकालने वाले वीडियो वायरल हो चुके हैं।