यूपी के महोबा में एक शेख पीर बाबा के उर्स के दौरान बिरयानी परोसे जाने का मामला तूल पकड़ चुका है। कार्यक्रम में कुछ लोगों ने प्रसाद के नाम बिरयानी खाई थी। इसके दो दिन पर अब समुदाय के कुछ लोग धर्म भ्रष्ट होने का हवाला देकर शुद्धिकरण का हवाला देकर गंगा नहाने के लिए 50 हजार रुपये मांग रहे हैं।
मामले स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने 23 मुस्लिम लोगों के खिलाफ नामजद व अन्य 20 मुस्लिमों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। खबर है कि यूपी में महोबा के चरखारी इलाके के सलाट में 31 अगस्त को भोज आयोजित किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम में सामुदायिक भोज रखवाया गया था। इसमें वेज और नॉन वेज दोनों तरह का खाना था। सभी लोगों ने अपनी मर्जी से वेज और नॉन वेज दोनों खाना खाया।
बाद में लोगों का कहना है जानबूझ कर षड्यंत्र के तह उन्हें नॉन वेज बिरयानी खिलाई गई। इसके बाद लोगों ने कार्यक्रम के आयोजक से शुद्धिकरण के लिए गंगा नहाने के खर्च के रूप मे 50 हजार रुपये की मांग की। इन लोगों का कहना था कि वह कानपुर, इलाहाबाद या वाराणसी जा कर गंगा नहाएंगे।
आयोजक ने रकम देने से इनकार कर दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर पूछताछ की। पूछताछ में सामने आया कि लोगों ने अपनी मर्जी से खाना खाया था। किसी को भी जबरदस्ती कुछ भी नहीं दिया गया था। पुलिस ने दोनों पक्षों से राजीनामा लिखाकर मामले को शांत कर दिया था।
सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद स्थानीय भाजपा विधायक ब्रजभूषण राजपूत व अन्य भाजपा नेताओं ने पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने को कहा। खबर है कि मंगलवार को विधायक जब गांव पहुंचे तो कुछ लोगों ने कथित रूप से धोखे से बिरयानी खिलाने की शिकायत की। इसके बाद विधायक ने थाना प्रभारी को इस मामले में केस दर्ज करने को कहा।
पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 153 ए (धार्मिक आधार पर दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना), 295ए (जानबूझकर दूसरे धर्म और दूसरों की मान्यताओं का अपमान करना), धोखाधड़ी और धमकाने की धाराओं में केस दर्ज किया है। घटना के बारे में एसपी स्वामीनाथ का कहना है कि यह सच नहीं है कि लोगों को जानबूझ कर बिरयानी परोसी गई। मामले की जांच जारी है। इस संबंध में अभी किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है।