उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में ‘साहिबजादा दिवस’ में हिस्सा लिया और उन्होंने गुरुद्वारे पहुंचकर मत्था टेका। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी के बलिदान को समर्पित ‘साहिबजादा दिवस’ पर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री के पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास में गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों एवं माता गुजरी की शहादत को समर्पित ‘साहिबजादा दिवस’ का आयोजन किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोविंद सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि अत्याचार और अधर्म के विरूद्ध संघर्ष करने के लिए ‘साहिबजादा दिवस’ सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”देश और दुनिया में सिख कौम अपनी पुरुषार्थ के लिए जाना जाता है। लेकिन भारत को गुलाम बनाने की मंशा और भारत को इस्लाम में बदलने की मंशा से जो आए थे, आज उनका नाम और निशान मिट गया है। भारत की गुरू परंपरा सामान्य परंपरा नहीं एक दिव्य परंपरा है।” उन्होंने कहा, ”औरंगजेब के सिपहसालार जालिम वजीर खान ने इन साहिबजादों को तमाम प्रकार के प्रलोभन देने का प्रयास किया था, लेकिन देश व धर्म के प्रति किसी भी प्रकार का विचलन चारों साहिबजादों को स्वीकार नहीं था।”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ”कश्मीर से कश्मीरी हिन्दुओं व कश्मीरी पंडितों को भगाने वाले कौन थे, यह सर्वविदित है। लाम देश में कश्मीरी पंडितों की रक्षा करने वाले गुरु तेग बहादुर जी महाराज थे।” उन्होंने कहा कि गुरु परंपरा के कार्यक्रम सिर्फ गुरुद्वारे तक सीमित न रहकर हर हिन्दू घर में होने चाहिए। हर भारतीय के घर में होने चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी साहिबजादा दिवस के मौके पर ट्वीट किया, ”धर्म एवं मानवता के लिए प्राणों की आहुति देने वाले साहिब श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों एवं माता गुजरी जी के बलिदान को समर्पित ‘साहिबजादा दिवस’ पर उन्हें शत् शत् नमन।”
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी संख्या में किसान सिखों की नाराजगी सामने आई थी। हालांकि, उन कानूनों को रद्द कर दिया गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीएम आवास पर हुए इस आयोजन को नाराज किसान सिखों को मनाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।