उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए और 7 पर एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। इन सब में सबसे अधिक चर्चित कुंदरकी विधानसभा सीट है, जहां पर भाजपा ने 31 साल बाद जीत हासिल की है। कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा के रामवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के हाजी रिजवान को हरा दिया। सिर्फ उन्होंने हराया ही नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी की जमानत जब्त भी करा दी। कुंदरकी में भाजपा ने 1,44,791 वोटों से जीत हासिल की है।
कौन हैं ठाकुर रामवीर सिंह?
अब लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर में ठाकुर रामवीर सिंह हैं कौन, जिन्होंने कुंदरकी में इतिहास रचा है। बता दें कि रामवीर सिंह ने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था और शुरू से ही बीजेपी से जुड़े रहे। रामवीर सिंह के बड़े भाई जयवीर सिंह करीब 35 साल तक दौलारी के ग्राम प्रधान भी रहे।
छात्र राजनीति से शुरू किया राजनीतिक सफर
रामवीर सिंह 1993 से भाजपा में सक्रिय हैं। 1999 में उन्हें किसान मोर्चा का जिला महामंत्री बनाया गया था। रामवीर सिंह की पत्नी संतोष देवी 2001 में ही ब्लॉक प्रमुख बन गई थीं। उसके बाद 2005 में रामवीर सिंह भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बनाए गए हैं। रामवीर सिंह को पहली बार भाजपा ने 2007 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया। उस दौरान उन्हें मुरादाबाद देहात विधानसभा सीट से उतारा गया था। हालांकि उन्हें 3000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि मुंडापांडे ब्लॉक प्रमुख कुर्सी उनके परिवार के पास ही रही। इसके बाद 2008 में परिसीमन हुआ और मुंडापांडे क्षेत्र मुरादाबाद देहात विधानसभा से हटकर कुंदरकी विधानसभा सीट का हिस्सा बन गया।
60 फीसदी मुस्लिम आबादी, टोपी पहनकर किया प्रचार… 31 साल बाद BJP के रामवीर सिंह ने कुंदरकी में रचा इतिहास
इसके बाद रामवीर सिंह कुंदरकी में सक्रिय रहे। 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में रामवीर सिंह को सपा के हाजी रिजवान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रामवीर सिंह को टिकट नहीं दिया लेकिन वह पार्टी का काम करते रहे। इसके बाद 2024 के उपचुनाव में रामवीर सिंह पर एक बार फिर से बीजेपी ने भरोसा जताया है और उन्होंने इतिहास रच दिया। रामवीर सिंह के बड़े भाई जयवीर सिंह टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष भी हैं।
कुंदरकी में 62 फीसदी मुस्लिम आबादी
कुंदरकी विधानसभा सीट पर 62 फीसदी मुस्लिम आबादी है। कुंदरकी में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें से बीजेपी ने यहां से रामवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया था।