उत्तर प्रदेश विधान सभा ने बुधवार को अवैध धर्म परिवर्तन (Anti Love Jihad) विधेयक 2021 को ध्वनि मत से पारित कर दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल ने 24 नवंबर को एक अध्यादेश के माध्यम से “लव जिहाद” संबंधित अपराधों के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया था। नए कानून में शादी के लिए जबरदस्ती धर्मांतरण के लिए दोषी पाए जाने पर 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल के बीच की जेल की सजा का भी प्रावधान है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विधानसभा उपचुनाव के दौरान ऐलान किया था कि प्रदेश में लव जिहाद को लेकर एक कानून लाया जाएगा। यूपी की कैबिनेट ने पिछले साल 24 नवंबर को “गैर कानूनी धर्मांतरण विधेयक” को मंजूरी दी थी। सरकार का कहना था कि इस कानून का मक़सद महिलाओं को सुरक्षा देना है।

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक समेत कई अन्य भाजपा शासित राज्यों में भी कानून लाने की कवायद चल रही है। इस कानून के तहत, धर्म छिपाकर किसी को धोखा देकर शादी करने पर एक से पांच साल की सज़ा का प्रावधान है।

बुधवार को उप्र विधान सभा में इस विधेयक को लेकर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा और बहुजन समाज पार्टी के नेता लाल जी वर्मा ने हल्का विरोध जताया था। हालांकि बाद में इस विधेयक को सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। अब यह कानून बन गया है।

पिछले साल नवंबर में जब इसको लेकर अध्यादेश आया था, तब समाजवादी पार्टी समेत कई दलों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसकी खुलकर बुराई की थी। बुधवार को यह विधेयक आसानी से बिना किसी खास विरोध के ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

अध्यादेश आने के बाद प्रदेश में कई जगह इसके तहत युवक-युवतियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया था।