उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलीं।
मुलाकात के बाद पीड़िता ने कहा, “उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि वे हमें न्याय दिलाने में मदद करेंगे। देश में पहली बार बलात्कार के आरोपी को जमानत पर रिहा किया जा रहा है। मैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलने का समय चाहती हूं। राहुल गांधी ने हमें भरोसा दिलाया है कि हमें न्याय मिलेगा… इस आदेश ने देश की बेटियों को कमजोर कर दिया है।”
पीड़िता ने कहा, ‘देश में यह ऐसा पहला आदेश है कि बलात्कार के मामले में सजा पर रोक लगाई गई और जमानत दी गई। देश की सभी बेटियां डरी हुई हैं कि कहीं उनके साथ बलात्कार न हो जाए और अपराधी बच न निकलें… उन्हें हमसे 5 किलोमीटर दूर रहने का आदेश देकर उन्होंने हमें घरों में कैद कर दिया है… मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वह हमें न्याय दिलाएगा।’
पत्रकारों के सवाल के जवाब में पीड़िता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी से मिलकर अपना दुख-दर्द बताना चाहती हैं और इंसाफ चाहती हैं।
योगिता भयाना ने जारी किया था वीडियो
इससे पहले एक्टिविस्ट योगिता भयाना ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों ने पीड़िता के साथ गलत व्यवहार किया। योगिता भयाना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो जारी कर कहा है कि न्याय मिलने तक आवाज उठाते रहेंगे।
‘उन्नाव रेप पीड़िता की मां को सड़क पर पटक दिया… क्या ये न्याय है?
राहुल ने कहा था- जमानत मिलना शर्मनाक
इससे पहले राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि कुलदीप सेंगर को जमानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम सिर्फ एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र में असहमति की आवाज उठाना अधिकार है और उसे दबाना अपराध। पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए न कि बेबसी, भय और अन्याय।’
हाई कोर्ट ने दी थी जमानत
दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को मंगलवार को निलंबित कर दिया था और जमानत दे दी थी।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सेंगर पीड़िता के घर के पांच किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा और न ही पीड़िता या उसकी मां को किसी तरह की धमकी देगा। अदालत ने कहा कि इन शर्तों के उल्लंघन की स्थिति में सेंगर को दी गई जमानत स्वतः रद्द हो जाएगी।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मंगलवार शाम को पीड़िता, उसकी मां और एक्टिविस्ट योगिता भयाना दिल्ली में इंडिया गेट के सामने धरने पर बैठ गए थे। आधी रात को पुलिस वहां पहुंची और उन्हें वहां से हटा दिया गया।
2017 में सुनाई गई थी सजा
दिसंबर 2019 में एक अदालत ने 2017 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म मामले में सेंगर को दोषी ठहराते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े दुष्कर्म के मामले और उससे संबंधित अन्य मामलों को अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीड़िता ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उसके परिवार के सदस्यों, वकीलों और गवाहों की सुरक्षा पहले ही हटा ली गई थी और अब सेंगर की सजा निलंबित किए जाने के फैसले ने उनके डर को और बढ़ा दिया है।
पीड़िता ने कहा, “ऐसे मामलों में अगर आरोपी को जमानत मिल जाती है तो देश की बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी? हमारे लिए यह फैसला काल (मौत) से कम नहीं है।” पीड़िता ने कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगी। पीड़िता ने दुख जताते हुए कहा, “जिनके पास पैसा होता है, वे जीतते हैं और जिनके पास पैसा नहीं होता, वे हार जाते हैं।”
