उन्नाव दुष्कर्म मामले में भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। दरअसल दिल्ली की कोर्ट ने पीड़िता के पिता को झूठे केस में फंसाने और हिरासत में मौत के मामले में पूर्व भाजपा विधायक समेत 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा इस मामले में उनके भाई और यूपी पुलिस के तीन पुलिसकर्मियों समेत 5 अन्य को आरोपी बनाया गया हैं। बता दें कि मामले में दोषी साबित होने पर सेंगर को उम्रकैद की सजा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

सीबीआई ने इस मामले के पोक्सो एक्ट से जुड़े होने के चलते और गवाहों की सुरक्षा के नजरिए से कैमरों के सामने कोर्ट की सुनवाई कराने की मांग की है। हालांकि कोर्ट ने अभी इस संबंध में कोई आदेश पास नहीं किया है। वहीं पीड़िता के पिता को साजिशन आपराधिक मामले में फंसाने के आरोपी तीन पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन आरोप तय होते ही कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों की जमानत रद्द कर उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया।

आरोप है कि भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों ने पीड़िता और उसके परिजनों को चुप कराने और कानूनी कार्रवाई ना करने के लिए आपराधिक साजिश रची। इस दौरान सेंगर के भाई द्वारा पीड़िता, उसकी बहन और उसके पिता को प्रताड़ित किया गया। आरोप है कि कुलदीप सिंह सेंगर इस दौरान अपने भाई और अन्य आरोपियों के संपर्क में थे।

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आरोपियों ने पीड़िता और उसके परिजनों को लात-घूंसों और राइफल की बट से पीटा और उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए उनके घर पर एक पिस्तौल और पांच जिंदा कारतूस रख दिए। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 14 जगह चोटों का जिक्र है। इन चोटों के चलते पीड़िता के पिता की मौत हुई। इस मामले में आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।