सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि दिवंगत सरकारी कर्मचारियों की अविवाहित, विधवा या तलाकशुदा बेटियां पारिवारिक पेंशन की हकदार हैं, बशर्ते वे कुछ निर्धारित शर्तों को पूरा करती हों।

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्लू) द्वारा अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 और उसके बाद जारी 26 अक्तूबर 2022 के कार्यालय ज्ञापन में विभिन्न प्रावधान शामिल किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दिवंगत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की तलाकशुदा/विधवा बेटी को उपयुक्त समय पर पारिवारिक पेंशन मिल सके।

रेलवे और रक्षा कर्मियों तथा पेंशनभोगियों के लिए अलग-अलग नियम

उन्होंने बताया कि रेलवे और रक्षा कर्मियों तथा पेंशनभोगियों के लिए अलग-अलग नियमों के तहत यही प्रावधान किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि इन नियमों के अनुसार, यदि किसी दिवंगत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की पत्नी/पति या बेटा पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र नहीं है या यदि उनकी मृत्यु हो चुकी है तो ऐसी स्थिति में पारिवारिक पेंशन अविवाहित या विधवा या तलाकशुदा बेटी को दी जाएगी या देय होगी। उन्होंने ऐसी पेंशन के लिए अन्य शर्तों का भी उल्लेख किया।

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मंत्री ने उल्लेख किया कि पेंशन उस वक्त तक जारी रहेगी, जब तक कि उसकी शादी नहीं हो जाती या उसका पुनर्विवाह नहीं हो जाता या वह अपनी आजीविका अर्जित करना शुरू नहीं कर देती। उन्होंने बताया कि अविवाहित या विधवा या तलाकशुदा बेटी के अपने माता-पिता के जीवित रहने के दौरान उन पर निर्भर रहने की स्थिति में यह नियम लागू होगा।