केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी एक बार फिर विवादों में हैं। सुरेश गोपी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक बुजुर्ग व्यक्ति के अनुरोध को कथित तौर पर अस्वीकार कर दिया। अभिनेता से राजनेता बने सुरेश गोपी वर्तमान में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते अपने लोकसभा क्षेत्र त्रिशूर में स्थानीय विकास संबंधी मुद्दों की पहचान के लिए कई बैठकें कीं। इसी क्रम में 12 सितंबर को कोचु वेलायुधन नाम के एक 80 वर्षीय व्यक्ति ने अपने टूटे घर के निर्माण के लिए मदद मांगी थी।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

एक वीडियो जो वायरल हो रहा है, उसमें वेलायुधन को सुरेश गोपी के पास अपने घर के निर्माण के लिए सहायता मांगने का लिखित अनुरोध करते हुए देखा जा सकता है। उनका कहना है कि दो साल पहले उनके घर पर एक पेड़ गिरने से घर क्षतिग्रस्त हो गया था। वेलायुधन ने बाद में कार्यक्रम में मौजूद मीडिया को बताया कि वह क्षतिग्रस्त घर के पास एक अस्थायी झोपड़ी में रह रहे हैं और मंत्री ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है।

इस घटना की तीखी आलोचना हुई और इस पर चर्चा भी हुई क्योंकि सुरेश गोपी ने अपने परोपकारी कार्यों के माध्यम से एक छवि बनाई थी। त्रिशूर लोकसभा सीट से सुरेश गोपी की जीत का एक कारण (केरल में भाजपा की पहली संसदीय सीट) उनके द्वारा वर्षों से किए गए सामाजिक कार्यों के माध्यम से बनाया गया आधार बताया गया।

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सीपीआई नेताओं ने बीजेपी को घेरा

जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, सीपीआई नेताओं ने वेलायुधन से मुलाकात की और उनका घर बनाने की पेशकश की। रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में माकपा के त्रिशूर जिला सचिव के वी अब्दुल खादर ने कहा, “पार्टी वेलायुधन का घर बनाएगी, जिनका केंद्रीय मंत्री और त्रिशूर के सांसद सुरेश गोपी ने यह कहकर अपमान किया था कि याचिकाएँ स्वीकार करना उनका काम नहीं है।” अब्दुल खादर ने आगे कहा कि घर का काम अगले दिन शुरू होगा।

पीड़ित ने क्या कहा?

इस घटना को याद करते हुए, वेलायुधन ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, “सुरेश गोपी ने याचिका स्वीकार ही नहीं की। उन्होंने मुझसे कहा कि यह उनका काम नहीं है। यह (घर निर्माण) पंचायत का काम है। वह एक मंत्री हैं। मैंने उन्हें मजबूर नहीं किया। उन्हें कम से कम मेरा आवेदन स्वीकार तो करना चाहिए था।” वहीं सुरेश गोपी ने सोमवार को सोशल मीडिया पर अपना रुख स्पष्ट किया।

सुरेश गोपी ने क्या कहा?

सुरेश गोपी ने एक फेसबुक पोस्ट पर कहा, “घर निर्माण के लिए सहायता मांगने वाले आवेदन को अस्वीकार करने से संबंधित कई रिपोर्ट और व्याख्याएँ आई हैं। मैंने पाया कि कुछ लोग इसका इस्तेमाल अपने निजी राजनीतिक एजेंडे के लिए करते हैं। एक लोक सेवक होने के नाते, मुझे इस बात की स्पष्ट समझ है कि मैं क्या कर सकता हूं और क्या नहीं। मैं ऐसे वादे नहीं करता जो पूरे न हो सकें। लोगों से झूठे वादे करना मेरी शैली नहीं है।”