केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उनका भरोसा देश के लोकतंत्र से उठ गया है। कहा कि उनका मोहब्बत देश के लोकतंत्र के खिलाफ विदेशी ताकतों से हस्तक्षेप की मांग के लिए विवश करता है। दावा किया लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही इस प्रकार की गतिविधियों का बढ़ना इस बात का संकेत है कि ‘सत्ता की भूख’ में वह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर चोट करने पर आमादा है।

हाल ही में राहुल गांधी ने एक बयान दिया था और कहा था कि वे नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। उसके बाद वे अमेरिका चले गये और वहां एक कार्यक्रम में उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमले बोले।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने सवाल किया, ‘‘इतने बेचैन क्यों हैं गांधी खानदान के लोग?’’ ईरानी ने सवाल किया कि यह कैसी मोहब्बत है जो सिखों का नरसंहार करे, कोयला और चारा लूटने वालों के साथ हाथ मिलाए, जो संसद में स्थापित सैंगोल का अपमान करें, संसद का बहिष्कार करें?

ईरानी बोलीं; कहते हैं, “…जब आप ‘मोहब्बत’ की बात करते हैं, तो क्या इसमें सिखों की हत्या शामिल है? जब आप ‘मोहब्बत’ की बात करते हैं, तो क्या इसमें राजस्थान में महिलाओं का अपहरण शामिल है? जब आप ‘मोहब्बत’ की बात करते हैं, तो क्या यह इसमें हिंदू जीवन शैली की निंदा करना शामिल है? जब आप ‘मोहब्बत’ के बारे में बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब उन लोगों के साथ साझेदारी करना है जो भारत को एक ठहराव में लाना चाहते हैं? जब आप ‘मोहब्बत’ की बात करते हैं, तो क्या वह ‘मोहब्बत’ आपको अपने लोकतंत्र के खिलाफ हस्तक्षेप करने के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर करती है। ये कैसा इश्क है जो देश से नहीं अपनी सियासत से है?”

केंद्रीय ईरानी ने विपक्षी एकजुटता के प्रयासों के लिए विरोधी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस प्रकार बिहार के भागलपुर में एक पुल पानी में बह गया वैसे ही उनके अरमान भी 2024 के लोकसभा चुनावों में बह जाएंगे।