Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में हो रहे प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि वो सीएए को लेकर युवाओं के हर भ्रम को दूर करने के लिए तैयार है लेकिन टुकड़े-टुकड़े गैंग से वो बातचीत नहीं करेगी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक कार्यक्रम में कहा कि ‘भारत एक लोकतांत्रिक देश है और प्रदर्शन करने की स्वतंत्रता है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। सरकार युवाओं से बात करेगी और यदि उन्हें संशोधित नागरिकता कानून को लेकर कोई भ्रम है तो उसे दूर करेगी लेकिन उन लोगों से बात नहीं करेगी जो आजादी के नारे लगाते हैं तथा ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ का हिस्सा हैं।’

रविशंकर प्रसाद विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद थे। यह कार्यक्रम पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना के कारण विस्थापित हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई आदि जो अब नागरिकता संशोधन क़ानून के तहत भारत के नागरिक बन सकते हैं, के सम्मान में आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम की एक तस्वीर को ट्वीट करते हुए रविशंकर प्रसाद ने बताया कि ‘इस कार्यक्रम में मुझे प्यारी बिटिया नागरिकता से मिलने का सौभाग्य मिला जो एक धार्मिक प्रताड़ना झेल चुके हिंदू की बेटी है। इसका जन्म उसी दिन हुआ जिस दिन संसद ने नागरिकता संशोधन क़ानून पारित किया। इस लिए इनके परिवार ने इसका नाम ‘नागरिकता’ रखा।’

केंद्रीय मंत्री ने यहां एक बार फिर साफ किया कि ‘सरकार ने बार-बार कहा है कि यह कानून भारतीय नागरिकों पर लागू नहीं होता। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस के नेता भी विभिन्न मौकों पर हिंदुओं, सिखों और पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से भारत आये प्रताड़ित अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बातें कर चुके हैं।’

यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने नागरिकता से संबंधित जो नया कानून बनाया है उसके मुताबिक बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के शिकार होकर आए ईसाई, पारसी, हिंदू, बौद्ध और सिख समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने की बात कही गई है लेकिन इसमें मुस्लिम संप्रदाय का जिक्र नहीं है।

हालांकि देश के अलग-अलग हिस्सों में इस कानून के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। कानून का विरोध करने वालों का कहना है कि इस कानून के जरिए सरकार धार्मिक रूप से भेदभाव करना चाहती है।