केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रक्षा सेवाओं में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण की वकालत की। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने कहा कि उन लोगों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए जो मीडियार्किमयों पर हमला करते हैं और पत्रकारों की रक्षा के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। दलित नेता ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) जल्द ही सशस्त्र बलों में एससी, एसटी आरक्षण के मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाएगी।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सेना, नौसेना और वायुसेना में एससी और एसटी के लिए आरक्षण होना चाहिए। अगर सरकारी विभागों में एससी और एसटी के लिए आरक्षण है तो इसी तरह इसे रक्षा क्षेत्र में भी दिया जा सकता है।’’

उन्होंने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 75 फीसदी तक आरक्षण सीमा बढ़ाने की मांग की ताकि जाट, पटेल, मराठा और राजपूतों सहित सभी जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण मुहैया कराया जा सके।

दलितों पर कथित अत्याचार के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे जातिवाद एक कारण है। उन्होंने कहा, ‘‘जातिवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए अंतर जातीय विवाह को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पत्रकारों की रक्षा के लिए कानून बनना चाहिए। अगर पत्रकारों पर हमला होता है और किसी की मौत हो जाती है तो उसे मुआवजा दिया जाना चाहिए। भविष्य में पत्रकारों पर हमला रोकने के लिए कड़ा कानून बनाए जाने की जरूरत है।’’